आख़िर क्यूं ढूंढ रही है रोहिंग्या शरणार्थियों को पुलिस ??!! बड़ा खुलासा…

दुनियाभर में इस वक्त कोविड-19 का कहर बरकरार है और इससे जंग को हर देश एकजुट होकर लड़ने के लिए तैयार है. लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो इस एकजुटता को तोड़ने और जंग को और ज्यादा बढ़ाना के बारे में सोचते हैं. इस वक्त देश में 14,000 से ज्यादा कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा पहुंच चुका है. कहीं न कहीं इन आंकड़ों के लिए देशवासी जमातियों को जिम्मेदार मानते हैं. अभी भी प्रशासन इनमें से कई लोगों को ढूंढने की कोशिश में लगी है. अब इनसे जुड़ा एक बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि दिल्ली की निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात में रोहिंग्या भी शामिल हुए थे. इस बात को लेकर गृह मंत्रालय ने राज्यों को आगाह किया है.

रोहिंग्या

 

▪ जमात के कार्यक्रमों में रोहिंग्या भी हुए थे शरीक

▪ कैंपों में वापस नहीं लौटे रोहिंग्या समुदाय के लोग

▪ केंद्र ने राज्यों को रोहिंग्या शरणार्थियों की कोविड-19 जांच कराने को कहा

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिखकर निर्देश दिया है कि रोहिंग्या और तबलीगी जमात के बीच कनेक्शन की जांच की जाए. रोहिंग्या मुस्लिम और उनके परिचितों का भी कोविड-19 टेस्ट होना चाहिए. गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इसके संबंध में जरूरी कदम भी उठाए जाएं.

इस पत्र में लिखा गया है कि ऐसी रिपोर्ट आई है कि रोहिंग्या मुसलमानों ने तबलीगी जमात के इज्तिमा और अन्य धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लिया था. ऐसे में इसकी आशंका है कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं. रोहिंग्या कैंप हैदराबाद में भी हैं.

तेलंगाना में रहने वाले रोहिंग्या समुदाय के लोगों ने तबलीगी जमात के जलसे में हरियाणा के मेवात में हिस्सा लिया था. यही लोग दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में भी शामिल हुए थे. रोहिंग्या समुदाय से जुड़े लोग श्रम विहार और शाहीनबाग भी गए थे.

कैंप से नदारद हैं रोहिंग्या

पत्र के मुताबिक जो लोग इन जगहों पर गए हैं, वे अपने कैंपों में भी नहीं लौटे हैं. गृह मंत्रालय की चिट्ठी के मुताबिक रोहिंग्या समुदाय के लोग तबलीगी जमात के जलसे जो डेराबस्सी पंजाब, जम्मू और कश्मीर में भी शामिल हुए थे.

तबलीगी जमात से लिंक होने की वजह से रोहिंग्या और उनके परिचितों का कोविड-19 टेस्ट कराना बेहद जरूरी है. यह पत्र डिप्टी सचिव, इंटर्नल सिक्योरिटी डिवीजन 1 श्रीनिवासु के ने लिखा है. इस चिट्ठी को मुख्य सचिवों और सलाहकारों के साथ-साथ डीजीपी और दिल्ली के कमिश्नर ऑफ पुलिस को भी भेजा गया है.

जमात ने भारत में बढ़ाया कोरोना संकट!

पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित मरकज में तबलीगी जमात का एक कार्यक्रम हुआ था. इस कार्यक्रम में शामिल जमात के कई लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए. वहीं जिन राज्यों में जमात के लोग वापस गए वहां इनके संपर्क में आने से कई अन्य लोग भी इस संक्रमण के शिकार हो गए. इसके बाद देश में कोरोना मरीजों की संख्या में उछाल देखने को मिला. अभी भी कई राज्यों में तबलीगी जमात से जुड़े लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही हैं.

जमात के मौलाना साद समेत कई लोगों पर चल रहा केस

दिल्ली पुलिस ने जमात के मौलाना मोहम्मद साद समेत कई लोगों पर गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है. जमात में शामिल 1890 विदेशी नागरिकों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया था और कार्यक्रम में शामिल हुए थे. पुलिस ने मरकज से 2300 से अधिक लोगों को बाहर निकाला था, जिनमें 500 से अधिक विदेशी थे.

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