आईआईटी के छात्र ने ‘मेक इन इंडिया’ के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर लगाया इतने रुपए का चूना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई सरकार बनने के बाद मेक इन इंडिया के नाम पर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। कानपुर आईआईटी से पोस्ट ग्रेजुएट छात्र ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर 2 करोड़ लोगों को मुफ्त लैपटॉप बांटने का झांसा दिया।

मेक इन इंडिया

आरोपी को दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने गिरफ्तार कर लिया है। उसकी पहचान राजस्थान के नागौर निवासी राकेश जांगिड (23) के रूप में हुई है। नामी कंपनी से ऑफर मिलने के बाद भी आरोपी ने जल्द रुपये कमाने के चक्कर में ठगी का रास्ता अपना लिया।

2 ही दिन में वेबसाइट को 15 लाख से अधिक लोगों ने देख लिया। बदले में राकेश को गूगल की ओर से 1.50 लाख रुपये भी मिल गए। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों का डाटा प्राप्त करने के अलावा गूगल से मिलने वाले विज्ञापन से पैसा कमाना चाहता था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।

साइबर क्राइम यूनिट के पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पिछले सप्ताह साइबर क्राइम यूनिट को सूचना मिली थी कि गूगल पर किसी ने www.modi-laptop.wishguruji.com के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाई है। वेबसाइट पर दावा किया गया कि दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद नई सरकार मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत लोगों को मुफ्त लैपटॉप बांटने जा रही है। दो ही दिन में वेबसाइट को 1.52 मिलियन से अधिक लोगों ने देखा।

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इसके अलावा गूगल पर 68 हजार लोगों ने वेबसाइट को क्लिक भी कर लिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की तो आरोपी को इसकी भनक लग गई और उसने वेबसाइट को बंद कर दिया। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से आरोपी को पुंडलोटा, नागौर (राजस्थान) से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया।

आरोपी राकेश ने बताया कि उसने इसी साल कानपुर आईआईटी से पोस्ट ग्रेजुएट किया है। पढ़ाई पूरी करने के बाद उसे हैदराबाद की एक नामी कंपनी से नौकरी का ऑफर भी मिला, लेकिन उसने नौकरी को ठुकरा दिया था।

अपनी प्रतिभा का गलत इस्तेमाल करते हुए जल्द अमीर बनने के चक्कर में प्रधानमंत्री मोदी केे नाम पर ठगी की योजना बनाई। आरोपी ने गूगल डोमिन पर अपनी वेबसाइट रजिस्टर कराने के बाद उसको मेक इन इंडिया कार्यक्रम का हिस्सा बताया। लोग वेबसाइट को ज्यादा से ज्यादा क्लिक करें, इसलिए 2 करोड़ लोगों को लैपटॉप देने का वायदा करने के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो का भी इस्तेमाल किया।

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आरोपी राकेश ने बहुत सोचकर लोगों का डाटा चुराने और गूगल से विज्ञापन लेकर ठगी करने की योजना बनाई थी। आरोपी अपनी वेबसाइट में मेक इन इंडिया योजना के तहत प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना की बात कर लोगों से उनका डाटा मांग रहा था।

लोगों से उनका नाम, मोबाइल नंबर, उम्र, पता और राज्य का ब्योरा मांगा गया। साथ ही, वेबसाइट पर लोगों को रजिस्टर करने के लिए तीन-चार दिन का ही समय दिया गया। यही वजह थी कि कम समय के भीतर लोगों ने बहुत तेजी से फर्जी वेबसाइट को क्लिक किया।

व्हाट्सएप पर भी तेजी से वेबसाइट का लिंक फैल गया। देशभर के 1.52 मिलियन लोगों ने इसकी वेबसाइट को देखा। गूगल पर भी 68 हजार से अधिक लोगों ने इसकी वेबसाइट देखी। आरोपी ने पूछताछ के दौरान बताया कि लोगों का डाटा लेने के बाद साइबर क्राइम करने वाले लोगों को बेचने की तैयारी कर रहा था। इससे उसे डबल कमाई होती। गूगल से इसे विज्ञापन मिलता।

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