आंध्र प्रदेश: YSRC चीफ जगनमोहन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया
विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में पार्टी को शानदार जीत दिलाने वाले वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने वाईएसआरसी के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद शनिवार को सरकार बनाने का दावा पेश किया।
रेड्डी का रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का कार्यक्रम है।
यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि वाईएसआरसीपी प्रमुख ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कहा था कि जो भी आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा देगा उनकी पार्टी उसका समर्थन करेगी।
सर्वसम्मति से वाईएसआरसी का नेता चुने जाने के साथ उन्होंने हैदराबाद में राजभवन में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा किया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विजयवाड़ा से विमान से हैदराबाद पहुंचे रेड्डी ने शाम करीब साढ़े चार बजे राज्यपाल से मुलाकात की।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इससे पहले विजयवाड़ा में वाईएसआर कांग्रेस के कार्यालय में नव निर्वाचित विधायकों की बैठक में रेड्डी को विधायक दल का नेता चुनने का प्रस्ताव पारित किया गया।
विधायक दल का नेता चुनने के लिए विधायकों को धन्यवाद देते हुए रेड्डी ने कहा, ‘‘2019 में लोगों ने हम पर विश्वास करके वोट दिया है, लेकिन 2024 में उन्हें हमारे काम के आधार पर और भी प्रचंड बहुमत देना चाहिए।’’
पार्टी के एक विधायक ने पीटीआई-भाषा से कहा कि रेड्डी ने सभी नव-निर्वाचित विधायकों से अनुरोध किया कि वह एक साल के भीतर बेहतर मुख्यमंत्री का दर्जा हासिल करने में उनकी मदद करें।
पार्टी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि शपथग्रहण समारोह 30 मई को विजयवाड़ा में इंदिरा गांधी म्युनिसिपल स्टेडियम में होगा।
विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाई एस राजशेखर रेड्डी के बेटे रेड्डी की पार्टी को आंध्र प्रदेश की 175 सदस्यीय विधानसभा में 151 सीटें जीती जबकि एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेदेपा ने 23 सीटें और जनसेना पार्टी ने केवल एक सीट जीती।
वाईएसआरसी ने लोकसभा चुनाव में 25 सीटों में से 22 पर जीत दर्ज की जबकि तेदेपा के हिस्से में केवल तीन हीं सीटें आ पाई।
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वाईएसआरसी के विधायक दल की बैठक के बाद उसकी संसदीय दल की बैठक हुई जिसमें रेड्डी ने राज्यसभा और लोकसभा सदस्यों द्वारा संसद में दक्षिणी राज्य के लिए विभिन्न मांगों को उठाने की जरुरत पर जोर दिया।
नव निर्वाचित सांसद गोरान्तला माधव ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून में अन्य प्रावधानों और विशेष दर्जे की मांग के लिए प्रतिबद्ध और एकजुट रहने की सलाह दी गई है।’’