आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने के मामले पर मोदी सरकार को संसद में घेरेगी तेदेपा

आंध्र को विशेष दर्जाविजयवाड़ा। आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जे के लिए जीवन और मरण का मुद्दा बताते हुए तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने मोदी सरकार को संसद में घेरने का फैसला किया है। क्योंकि केन्द्र सरकार का मानना है कि आंध्रप्रदेश को को विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता है। इससे नाखुश भाजपा नीत एनडीए सरकार के घटक दल तेदेपा के सांसद सोमवार को संसद परिसर में केन्द्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।

इस संबंध में तेदेपा के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया जानने के बाद पार्टी अपनी आगे की रणनीति तैयार करेगी। फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करना चाहेंगे।

नायडू ने कहा कि संसद में दिए गए वित्तमंत्री अरुण जेटली का बयान स्वीकार्य नहीं हैं। आंध्र को विशेष दर्जा देने का  संबंध राज्य के पांच करोड़ लोगों के भविष्य से जुड़ा है।

नायडू ने यह दोहराया कि केंद्र सरकार को आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में जाहिर की गई प्रतिबद्धताएं पूरी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह दो घंटे का समय देने के लिए पीएम मोदी से निवेदन कर रहे हैं ताकि वह इन दो वर्षो में राज्य के साथ हुई नाइंसाफी, पुनर्गठन अधिनियम में जाहिर की गई प्रतिबद्धताओं के बारे में उन्हें बता सकें। फिर विशेष दर्जा एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा हो सकें।

केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू और वाई.एस. चौधरी ने नायडू से कहा कि वे राज्य के हित के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देने को तैयार हैं।

क्या था मामला

जेटली ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा था कि आंध्र को विशेष दर्जा नहीं दिया जाएगा। लेकिन आर्थिक रूप से स्थिर होने तक केंद्र सरकार राज्य का हाथ थामें रहेगी। इसके बाद तेदेपा प्रमुख ने इस पर आपत्ति जताई थी। जानकारी के अनुसार सदन में जेटली के बयान देने के दौरान चुप रहने के लिए नायडू ने पार्टी के सांसदों की खिंचाई भी की है।

 

 

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