सोमवार के दिन बना अहोई अष्टमी व्रत का संयोग, जानें माता पार्वती के कौन से रूप की होती है पूजा

आज संतानों की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला अहोई व्रत है। ये व्रत खास तौर पर यूपी, दिल्ली, हरियाणा, मध्यप्रदेश और राजस्थान में रखा जाता है। कुछ महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए भी इस व्रत को रखती है।

अहोई अष्टमी व्रत

इस दिन माता पार्वती के अहोई स्वरूप की पूजा की जाती है। आज पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 05:47 पी एम से शाम 07:03 बजे तक का है। तारों को देखने के सांझ का समय 06:11 का है। अष्टमी तिथि की समाप्ति रात 11:47 पी एम पर हो जायेगी।

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अहोई अष्टमी के दिन माताएं भोर समय से लेकर शाम तक उपवास रखती हैं। शाम के समय तारों को देखने के बाद इस व्रत को संपन्न किया जाता है। यह व्रत निर्जला रखा जाता है। कई जगह ये व्रत चंद्र दर्शन के बाद खोला जाता है।

लेकिन इस दिन चंद्रोदय काफी देर से होता है। आज चंद्रमा निकलने का समय 11:47 पीएम का है। पुराणों के अनुसार अहोई अष्टमी के व्रत को संतान से जोड़कर देखा जाता है और इस व्रत को करने से संतान संबंधी सभी परेशानियां दूर हो जाती है।

 

 

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