अष्टमी तिथि मतभेद से कब रखें जन्माष्टमी का व्रत? आज या कल

हिंदू मान्यताओं के हिसाब से श्रीकृष्ण हरि श्री हरि विष्‍णु के 8वें अवतार हैं। श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी को हुआ था। आज अष्टमी है।

जन्माष्टमी

लेकिन इसके साथ ही उनका जन्म रोहिणी नक्षत्र में भी हुआ था। लेकिन इस साल यह नक्षत्र आज नहीं है। इसलिए लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि जन्माष्टमी आज मनाए या कल। कुछ लोग जन्माष्टमी आज मनाएंगे तो कुछ लोग कल।

अष्टमी तिथि 23 अगस्त को प्रात: 8:09 से 24 अगस्त को प्रात: 8:32 तक है। रोहिणी नक्षत्र 24 अगस्त को प्रात: 3:48 से 25 अगस्त को प्रात: 4:17 बजे तक रहेगा। श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि बारह बजे माना गया है। कृष्ण का जन्म भाद्रपक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस बार अष्टमी व रोहिणी नक्षत्र का योग अलग-अलग तिथि में है।
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत के अनुसार श्रीकृष्ण जन्म में रात्रिव्यापिनी अष्टमी का ही विशेष महत्व है।

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विशेष जन्मोत्सव मुहूर्त
23 अगस्त रात्रि 11:40 बजे 24 अगस्त रात्रि 12:38 बजे

जनमाष्टमी व्रत और पूजन
जन्मोत्सव पर भगवान (ठाकुरजी या लड्डू गोपाल) का पंचामृत से स्नान कराएं। उनको नवीन वस्त्र पहनाएं, शृंगार करें। शंख से स्नान कराना अधिक श्रेष्ठ है।

यह सबसे लंबी अवधि का व्रत माना गया है। प्रारम्भ अष्टमी के प्रारम्भ काल से हो जाता है ( सूर्योदय) और पारणा भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की पूजा के बाद मध्यरात्रि में।

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सप्तमी युक्त अष्टमी श्रेष्ठ नहीं 
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा के अनुसार अष्टमी तिथि 23 अगस्त को सुबह 08.09 से 24 अगस्त को सुबह 08.32 बजे तक रहेगी। सप्तमी युक्त अष्टमी होने के कारण व्रत श्रेष्ठ नहीं होता है। 24 अगस्त को सूर्योदय के समय अष्टमी तिथि होने से पूरे दिन अष्टमी तिथि मानी जाएगी। उसी दिन रोहिणी नक्षत्र भी है। अत: 24 को जन्माष्टमी मनाना सर्वथा उचित है। ज्योतिषाचार्य अमित कुमार का भी यही मत है।

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