हिन्दू महिलाओं की सारी मन्नतें पूरी करती हैं ये मुस्लिम देवी, हर खास मौके पर होती है पूजा

अवसान देवीरिपोर्ट- सतीश कश्यप

बाराबंकी गाँव से लेकर शहर तक सामूहिक रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा एक पूजा बड़ी ही आस्था के साथ की जाती है। जिस पूजा को महिलाएं ‘अवसान देवी की दुरदुरैय्या’ कहती है। यह खास पूजा अक्सर शुभ कार्यों के बाद घर या धार्मिक स्थान पर महिलाएं करती है। पूजा होने के बाद प्रसाद के रूप में लइय्या ,चना और गुड़ या मिठाई खिलाई जाती है। महिलाएं ये पूजा बड़ी आस्था और भक्ती के साथ करती हैं।

यह भी पढ़े:-घर में बीवी को सिखा दें ये एकमात्र टोटका, बरसेगी मां लक्ष्‍मी की कृपा

दरअसल सुहागिन महिलओं द्वारा मन्नत पूरी होने के बाद यह पूजा करी जाती है। ऐसा माना जाता है कि अवसान देवी के नाम से कोई भीं मन्नत मानी जाए तो वह जरुर पूरी होती है। इसलिए महिलाएं देवी से मन्नत मांगती है।

जब ये मुराद पूरी हो जाती है, तो महिलाएं सात, नौ , या ग्यारह सुहागिनो को दुर्रदुरैय्या खाने के लिए आमन्त्रित कर बड़ी ही भक्ति भाव से अवसान देवी की पूजा अर्चना करती है!

इस पूजा का इतिहास बताते हुए बाराबंकी जवाहरलाल नेहरू पीजी कालेज के प्रोफेसर भगवान वत्स्त ने कहा कि अवसान देवी को मौत की देवी कहा जाता है। हिन्दू लोग अवसान देवी और मुस्लिम धर्म में  औसान बीवी कहते है तथा दुर्दुरैय्या इसलिये खिलाते है, क्योंकि इसका मतलब होता है ‘दूर-दूर’ रहो।

यह भी पढ़े:-जिनके हाथों में है ये लकीर, प्यार में हमेशा होगी उनकी जीत

उन्होंने कहा जब कोई शुभ कार्य महिलाएं करती है, तो ये मन्नत मानती है कि उनके शुभ कार्य में सब अच्छे से हो। कार्य पूर्ण होने के उपरांत सुहागिन महिलाओं को आमंत्रित कर विधि पूर्वक पूजा करती है।

बंगाल में इन्हे उद्धार देवी के नाम से भी जाना जाता है और इसमें सात महिलाओं को मच्छी – भात खिलाया जाता है और गीत गाये जाते है।

LIVE TV