अल-उमर-मुजाहिदीन का आतंकी है मुश्ताक जरगर, अनंतनाग हमले को दिया था अंजाम

दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को सीआरपीएफ की पेट्रोलिंग पार्टी पर हुए हमले के पीछे अल-उमर-मुजाहिदीन के प्रमुख मुश्ताक अहमद जरगर, ‘लटरम’ का हाथ है। सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले के पीछे की प्लानिंग मुश्ताक ने की थी। इस आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हुए थे।

आतंकी मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ ‘लटरम’ की रिहाई भारतीय विमान आईसी-814 का अपहरण कराने वाले आतंकियों के साथ हुई थी। 1999 के बाद से जरगर पाकिस्तान में बैठक कर जम्मू-कश्मीर में कई बड़ी आतंकवादी वारदातों को अंजाम दे चुका है। सुरक्षा एजेंसियों की माने तो आतंकी जरगर पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में है। उसने अनंतनाग आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है।

बता दें की जरगर उन आतंकियों में शामिल था जिनकों 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान संख्या आईसी-814 के अपहृत यात्रियों को छोड़ने की एवज में रिहा कर दिया गया था। उसके साथ ही जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर और शेख उमर को भी छोड़ा गया था। रिहाई के बाद इन आतंकियों ने पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में अपना मुख्यालय बना लिया। जहां से वह आतंकी नेटवर्क को आपरेट कर रहा है। आतंकी आईएसआई के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में आए दिन आतंकी हमले कराते है। मुश्ताक जरगर ने 2016 में एसएसबी पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी। अब इस संगठन ने अनंतनाग में सीआरपीएफ पर हमले की बात भी स्वीकार की है।

एनएसए द्वारा 2017 में पाकिस्तान को सौंपी गई 154 आतंकियों की सूची में टॉप पर था जरगर

दिसंबर-2017 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत दोभाल ने अपने थाईलैंड दौरे में पाकिस्तान को 154 आतंकियों की सूची सौंपी थी। इनमें लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद, मसूद अजहर और मुश्ताक जरगर का नाम टॉप पर था। भारत ने इन आतंकियों द्वारा किए गए हमलों के सबूत भी पाकिस्तान को दिए थे। जांच एजेंसियों का कहना है कि अब मुश्ताक जरगर आईएसआई का एक बड़ा मोहरा बन चुका है। इस संगठन के सदस्यों को हथियारों की ट्रेनिंग से लेकर दूसरी तरह की तमाम मदद आईएसआई से मिलती है।

मूल रूप से कश्मीर का रहने वाला है आतंकी जरगर  
मुश्ताक जरगर का जन्म जम्मू-कश्मीर में हुआ है। 80 के दशक में वह जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के साथ जुड़ा था। उस दौरान अशफाक मजीद वानी इस संगठन को देख रहे थे। अशफाक की मौत के बाद मुश्ताक पाकिस्तान पहुंच गया। वहां पर मुश्ताक जरगर ने अल-उमर-मुजाहिदीन नाम से एक नए संगठन बनाया। पाकिस्तान से आतंकी ट्रेनिंग लेकर 1989 में जब वह भारत लौटा था। इसके बाद 15 मई 1992 को जरगर पकड़ा गया। इसके बाद 1999 में उसके साथियों ने विमान का अपहरण कर जरगर और मसूद अजहर को भारतीय कैद से छुड़वा लिया।

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