अर्नब गोस्वामी ने जेल से छूटते ही उद्धव ठाकरे को ललकारा, कहा- खेल तो अब शुरु हुआ है

अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) को तलोजा जेल से बीते दिन रीहा किया गया। बता दें कि अर्नब ने न्यायिक हिरासत में एक सप्ताह जेल में काटने के बाद उन्हें उच्चतम न्यायालय से जमानत मिल गई। एक बार फिर अर्नब गोस्वामी अपने न्यूज रूम (Republic T.V) में पहुंच गए। अर्नब ने न्यूज रूम पहुंचते ही महाराष्ट्र सरकार पर उन्हें फर्जी मामले में घसीटने के लिए आरोप लगाया। साथ ही अपनी अवैध गिरफ्तारी को लेकर उद्धव ठाकरे को ललकारा। अर्नब ने ठाकरे को संबोधित करते हुए कहा कि, ” उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray), सुन लो मुझे! आप हार गए।” वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने अंतरिम जमानत देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को सराहते हुए कहा कि “महाराष्ट्र की महाविकास अघाडी सरकार को उसका स्थान दिखा दिया गया है।”

गौरतलब है कि अर्नब गोस्वामी को एक इंटीरियर डिजाइनर को कथित तौर पर खुदकुशी के लिए उकसाने के 2018 के मामले में पुलिस ने आरोपी करार दिया था। जिस पर अर्नब ने गिरफ्तारी को अवैध कहते हुए मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को भी घेरा। अर्नब ने मुंबाई पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनसे तलोजा जेल में 3 बार फर्जी पूछताछ की जाती थी। साथ ही उन्होंने कहा कि, ‘ उद्धव ठाकरे आपने मुझे एक पुराने, फर्जी मामले में गिरफ्तार किया, और मुझसे माफी तक नहीं मांगी।” जिस पर अर्नब ने ठाकरे को ललकारते हुए कहा कि “खेल तो अब शुरु हुआ है।” साथ ही अर्नब ने दावा करते हुए कहा कि वह हर भाषा में रिपब्लिक टीवी शुरू करेंगे और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी अपनी उपस्थित को जल्द ही दर्ज करेंगे।

अर्नब ने अशंका जताते हुए कहा कि उन्हें फिर से मुंबाई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है। जिस पर भी अर्नब ने अपने तीखे तेवरों में कहा, ” मैं जेल के अंदर से भी (चैनल) शुरू करूंगा, और आप (ठाकरे) कुछ नहीं कर पाएंगे।” ना ही सिर्फ अर्नब ने जेल से निकलने के बाद हमला बोला बल्कि उनको अंतरिम जमानत देने पर उन्होंने शीर्ष अदालत का आभार जताया। इसी कड़ी में विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने पत्रकारों को बयान देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने कठित मामले को अदालत की इजाजत के बिना ही खोल दिया और अर्नब को गिरफ्तार करने के बाद उनके साथ सड़क के अपराधी की तरह सुलूक किया गया। साथ ही अरोह लगाते हुए कहा कि, “उन्हें (गोस्वामी) को सरकार ने प्रताड़ित किया और एक जेल से दूसरी जेल भेजती रही। यह सरकार निजी दुश्मनी की वजह से उनके पीछे पड़ी है।”

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