अर्नब गोस्वामी को जेल में पीटा गया, कहा- मेरी जान को हो सकता है खतरा

अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया। जिसके बाद बीते 4 नवंबर को पुलिस ने अर्नब को गिरफ्तार कर लिया था। बता दें कि अर्नब गोस्वामी रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के मौजूदा प्रधान संपादक हैं। अर्नब ने मुंबई पुलिस पर आरोप लगाया कि उनको जेल में बरी तरह पीटा गया है। गौरतलब है कि अर्नब ने अपनी गिरफ्तारी के दौरान भी पुलिस पर आरोप लगाया था कि उनके व परिजनों के साथ पुलिस ने बदसलूकी की साथ ही जबरदस्ती ले जाने के सिए उन पर हमला किया। अर्नब ने अपने आरोपों को स्पष्ट करने के लिए अपने हाथ के 5 इंच घाव को दिखाया। अर्नब ने जानकारी दी कि उनके रीढ़ की हड्डी में भी गंभीर चोट लगी है।


यदि बात करें बांबे हाई कोर्ट की तो उसने अर्नब को शनिवार को जमानत देने से इनकार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद यह कहा है कि वह उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से विचार-विमर्श करने के बाद ही फैसला सुनाएगी। बीते शनिवार को अर्नब के मामले की सुनवाई करने से पहले कोर्ट ने बता दिया था कि यदि आज कोर्ट किसी फैसले पर नही पहुंची तो इस मामले को दिवाली की छुट्टियों के कारण बढ़ा दिया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि कोर्ट में दिवाली की छुट्टी सोमवार से होगी। अर्नब के मामले में दोनों पक्षों के वकीलों ने बहस पूरी कर ली है जिसके कारण बताया जा रहा है कि कोर्ट अपना फैसला दिवाली से पहले सुना सकती है।

वहीं अलीबाग पुलिस ने अर्नब को 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में रखने को कहा है जिसको लेकर भी कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी। अर्नब के अधिवक्ता ने उच्च न्यायलय में लगातार यह बात कही कि राज्य सरकार अपनी शक्तियों का गलत उपयोग कर रही है। साथ ही अर्नब के अधिवक्ता ने कहा कि अर्नब के द्वारा सरकार की खामियों को बताने व सरकार के विरुद्ध सवाल किये जिसके बाद सरकार उन्हें प्रताड़ित कर रही है।

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