अयोध्या मामले की सुनवाई में शामिल हैं ये बड़े जज, आप भी जान लें…
अयोध्या में विवादित जमीन मामले की सुनवाई आज से पांच जजों की संविधान पीठ करेगी। इस पीठ की अध्यक्षता चीफ जस्टिस रंजन गोगोई करेंगे। दशकों से चल रहे इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर पूरे देश की निगाहें हैं। इस बेंच में शामिल जजों के बारे में जानें यहां…
जस्टिस रंजन गोगोई-
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन 4 जजों में से थे जिन्होंने तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। जाट समुदाय को पिछड़े होने के आधार पर आरक्षण नहीं दिए जाने का बहुचर्चित फैसला देनेवाली बेंच में भी जस्टिस गोगोई थे। जस्टिस रंजन गोगोई उन जजों में शामिल हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति घोषित की थी।
जस्टिस शरद अरविंद बोबडे –
जस्टिस बोबडे वरिष्ठता के आधार पर इस वक्त सुप्रीम कोर्ट में दूसरे नंबर पर हैं। जस्टिस गोगोई के रिटायर होने के बाद चीफ जस्टिस के दावेदार माने जा रहे हैं। आधार कार्ड नहीं रखने वाले किसी भी भारतीय नागरिक को सरकारी फायदों से वंचित नहीं किया जा सकता का फैसला देने वाली बेंच में जस्टिस बोबडे शामिल थे। पटाखों के बैन का फैसला देनेवाली बेंच में भी जस्टिस बोबडे शामिल थे।
जस्टिस एन. वी. रमन्ना-
जस्टिस एन. वी. रमन्ना को भी भविष्य के चीफ जस्टिस उम्मीदवारों में से माना जाता है। वरिष्ठता क्रम में इस वक्त वह तीसरे नंबर पर हैं। जस्टिस रमन्ना ने कई चर्चित फैसले दिए हैं जिनमें मंदिरों में होनेवाली नियुक्ति का अधिकार मंदिर बोर्ड के पास होगा है। हालांकि, इस फैसले में उन्होंने स्पष्ट कहा था कि कोई भी नियुक्ति संविधान के दायरे में ही हो सकती है।
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जस्टिस यूयू ललित-
जस्टिस यूयू ललित सुप्रीम कोर्ट में जज रहने से पहले नामी-गिरामी वकील भी रह चुके हैं। जस्टिस ललित ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह की पैरवी की थी। उन्होंने देश के कई बड़े हाई कोर्ट में हाई प्रोफाइल मुकदमों की पैरवी की है। तीन तलाक को अंसवैधानिक करार दिए जाने वाली बेंच में जस्टिस ललित भी थे।
जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़-
जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ अडल्ट्री को अपराध के दायरे से खत्म करने का फैसला देनेवाली बेंच का हिस्सा थे। समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का फैसला देनेवाली बेंच में भी जस्टिस चंद्रचूड़ शामिल थे। अपने फैसलों में की जानेवाली प्रगतिशील टिप्पणियों के कारण जस्टिस चंद्रचूड़ काफी चर्चित भी रहे हैं।