अयोध्या : जानिए अब रामभक्तों से क्यों मांगी जा रही है तांबे की छड़

अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण शुरु हो चुका है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव और वीएचपी नेता चंपत राय का कहना है कि मंदिर निर्माण में लगभग 10 हजार तांबे की छड़ों का इस्तेमाल होगा। इसी के चलते उन्होंने कहा कि जो लोग भी मंदिर निर्माण में मदद करना चाहते हैं वह तांबा दान कर सकते हैं।

आपको बता दें कि तांबा हजारों सालों तक निर्माण को टिकाए रखता है। इसी के साथ तांबा जंग लगने पर एक अलग परत बनाता है। जिसके चलते इसका इस्तेमाल विशेष इमारतों, मूर्तियां आदि के निर्माण में किया जाता है। तांबे की इस परत को स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी(न्यूयॉर्क) पर भी देखी जा सकती है। चंपत राय के अनुसार राम मंदिर 36 से 40 महीनों में बनकर तैयार हो सकता है। जिसके चलते मंदिर निर्माण में 1 भी ग्राम लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा। वहीं निर्माण में लर्सन एंड टूब्रो कंपनी और आईआईटी के इंजीनियरों की सहायता ली जा रही है। पीएम खुद ही इसे हिंदुस्तान का खजाना बता चुके हैं जिसके चलते ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि श्रद्धालु मंदिर स्थल में मिले अवशेषों के भी दर्शन कर सकें।

वहीं इस दौरान मिट्टी की ताकत नापने के लिए कंपनी ने आईआईटी चेन्नई की सलाह ली है। इस कड़ी में 60 मीटर गहराई तक जाकर मिट्टी की जांच की गयी है। जिससे यह पता चलेगा कि अगर भूकंप आएगा तो यहां की जमीन की मिट्टी उन तरंगों को झेलने में कितना सक्षम होगी। आपको बता दें कि मंदिर का एरिया तीन एकड़ को होगा। वहीं मंदिर के निर्माण में 10,000 तांबे की पत्तियां और रॉड लगेंगे।

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