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अमेरिकी राष्ट्रपतिनई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे से टेलीफोन पर बातचीत की। ट्रंप ने इस दौरान दोनों एशियाई नेताओं के साथ देश के चारों ओर बढ़ रहे तनाव के बीच उत्तर कोरिया की स्थिति पर चर्चा की। शी ने ट्रंप से इस मामले में संयम बरतने का अनुरोध किया और कहा कि प्रासंगिक पक्षों को इस मुद्दे को हल करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

‘पीपुल्स डेली’ ने शी की ट्रंप के साथ टेलीफोन वार्ता के हवाले से कहा, “चीन उम्मीद करता है कि सभी पक्ष उत्तर कोरिया के मुद्दे पर संयम रखेंगे और उत्तेजक कार्रवाई से बचेंगे।”

शी ने जोर दिया कि चीन ऐसी किसी भी कार्रवाई के खिलाफ है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करती है। बता दें कि अगर उत्तर कोरिया कोई भी हिंसक कार्रवाई करता है तो उसका असर भारत पर भी पड़ना लाजमी है। ऐसे में ये पीएम मोदी के लिए भी चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा, “सभी पक्ष अपनी जिम्मेदारियों के साथ मिलकर काम करेंगे तभी कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु मुद्दे का हल किया जा सकता है।”

उन्होंने कहा, “कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणुमुक्त करने और उत्तर कोरिया की परमाणु समस्या का शीघ्र हल प्रत्येक प्रासंगिक पक्ष द्वारा अपने कर्तव्यों को पूरा किया जाना ही एकमात्र तरीका है।”

‘डेली’ के अनुसार, उत्तर कोरिया के अलावा ट्रंप और शी के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने साझा चिंता वाले प्रमुख मुद्दों पर विभिन्न माध्यमों से विचारों का आदान-प्रदान कर घनिष्ठ संपर्क बनाने की प्रतिबद्धता जताई।

दोनों नेताओं के बीच इस माह यह दूसरी टेलीफोन वार्ता है।

वहीं, ट्रंप ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ भी टेलीफोन वार्ता की।

सार्वजनिक प्रसारणकर्ता ‘एनएचके’ की रपट के अनुसार, जापानी प्रधानमंत्री आबे ने 30 मिनट की इस वार्ता को गंभीर बताया।

उन्होंने ट्रंप के साथ उनके विचारों और कार्रवाई की भी सराहना की।

आबे ने दृढ़ता के साथ उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल विकास कार्यक्रम को जापान और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक गंभीर खतरा बताया।

आबे ने कहा, “जापान उत्तर कोरिया की संभावित गतिवधियों पर उच्चस्तर की सतर्कता बनाए रखने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।”

यह टेलीफोन वार्ता उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर बढ़ते तनाव के बीच हुई हैं।

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