अमेरिका से गौ रक्षा के लिए हिन्दुस्तान लौटी ये महिला

गौ रक्षावडोदरा : देश में कथित गौ रक्षकों को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। विवाद के चलते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सामने आना पड़ा था। उन्होंने अपने भाषण में गौ रक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करने वालों को निशाने पर लेते हुए कहा था कि सभी देशवासियों को गाय की रक्षा करनी चाहिए और गौ सेवा करें।

शायद पीएम मोदी की इसी बात को मान गुजरात के वडोदरा शहर की एक एनआरआई महिला यूएस छोड़कर सिर्फ गौ सेवा के लिए के लिए भारत आ गई।

शीतल पारीख नाम की यह एनआरआई यूएस के ओहायो में रहती थीं और शीतल ने पिछले एक साल से गौ सेवा के लिए भारत आना शुरू किया। उनका मानना है कि गाय सबसे ज्यादा पवित्र और उपयोगी पशु है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक शीतल का कहना है कि, “मेरे पिताजी एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं। उन्होंने मुझे गाय के महत्व के बारे में बताया था। मैंने बचपन में गाय और हमारी संस्कृति के बारे में पढ़ा था। गाय सबसे ज्यादा पावन और उपयोगी पशु है। इसलिए मैंने गाय की सेवा करने के बारे में सोचा। अब गाय को शहरों में उपेक्षित किया जाता है”।

शीतल ने बताया कि वल्लभ यूथ ऑर्गेनाइजेशन नामक संगठन से जुड़ीं जोकि बूढ़ी गायों के लिए काम करने वाले संस्था है। इस साल संगठन ने लव फॉर काउ नाम से एक दौड़ भी आयोजित की थी।

उन्होंने बताया कि यूएस में रहकर गौ रक्षा और गौ सेवा करना मुश्किल था तो मैंने भारत में रहकर उनकी सेवा करने की सोची। हम उन किसानों से बूढ़ी गायों को खरीदते हैं और उन्हें गोधरा स्थित गोशाला में रखते हैं।

शीतल ने बताया गाय के जीवित रहने तक हम उन्हें चारा और दवाएं देते हैं। बूढ़ी गायों को आमतौर पर बूचड़खाने ले जाते हैं। हम ऐसी गायों को बचाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे ही अभी तक 60 गायें बचाई गयी हैं और हमारा लक्ष्य ऐसी ही 500 गायों को बचाना है।

शीतल पारीख ने पीएम मोदी के कथित गोरक्षों पर दिए गए बयान की तारीफ करते हुए कहा कि जो असली गौ रक्षा करने वाले हैं उन्हें मोदी के बयान से बिल्कुल नहीं डरना चाहिए।

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