अमेरिका रिटर्न स्वाति यादव भारत में लड़ रहीं चुनाव, 10 साल अमेरिका में कंपनी की मालकिन रहीं!  

हरियाणा में एक जगह है, महेंद्रगढ़. जिसका एक इलाका नौतनवा है. जहां की रहने वाली स्वाति यादव अमेरिका रिटर्न हैं. अमेरिका में एक कंपनी की मालिक भी हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं. तो देश आ गईं. भिवानी-महेंद्रगढ़ से उन्हें टिकट मिल गया. जजपा के मुखिया दुष्यंत चौटाला ने ये दोरोमदार दे भी दिया. ये वही सीट है, जो पहले महिला रेसलर गीता फोगाट को मिलने वाली थी. लेकिन समय-समय की बात है, एक गीता थीं अब स्वाति हैं.

 

एक कंपनी की मालकिन है, अमेरिका रिटर्न हैं, तो पॉलिटिक्स क्यों जॉइन किया?

 

अब्रॉड जाने का मौका मिला. गई और वहां अपनी खुद की एक कंपनी शुरू की. उस समय पर भी मैं ये चाहती थी कि मैं अपने देश वापस आऊं और काम करूं. और अगर आप कुछ भी अच्छा करते हैं तो आपको अपने घर से उसकी शुरुआत करनी चाहिए. और मैं महेंद्रगढ़ से हूं तो मैं भिवानी-महेंद्रगढ़ का जो एरिया है, उसके लिए मैं डेवलेपमेंट करना चाहती हूं. मैं यूथ जेनेरेशन के लिए एक रोल मॉडल बनना चाहती हूं. जो पॉलिटिक्स में बिलकुल इंटरेस्टेड नहीं हैं. तो मैं अवेयरनेस (जागरुकता) और इंटरेस्ट (रुचि) पैदा करना चाहती हूं. सिर्फ पॉलिटक्स जॉइन करके. सही लोगों के लिए, सही यूथ के लिए. 65 फीसद हमारे यूथ हैं. हम जिस बदलाव की बात करते हैं, अगर यही यूथ इस डेवलेपमेंट के लिए काम करेगा, तभी हम इस बदलाव को ला सकते हैं.

 

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पॉलिटिक्स जॉइन करके करेंगी क्या? यहां विकास की क्या जरूरत है?

 

देखिए ये जो एरिया है, ये कृषि का इलाका है, यहां किसानों का मुद्दा है. चाहे वो फसल का मुद्दा हो या उसके स्टोरेज का. पानी की और शिक्षा की समस्या है, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर समस्या है. तो अगर हम बात करें लोकसभा की तो केवल 10 फीसद ही महिलाएं हैं लोकसभा सदस्यों में. तो अगर कोई महिला इस फील्ड में जॉइन करेंगी, तभी तो जो होना चाहिए वो हो पाएगा. यही मेरा मेन मोटो है पॉलिटिक्स जॉइन करने का. अच्छा काम करना है मुझे महिलाओं और यूथ के लिए.

 

अच्छा तो चुनाव प्रचार के लिए क्या कर रही हैं?

 

चुनाव प्रचार के लिए हम… हम किसके लिए काम करते हैं? हम जनता के लिए करते हैं. तो हम जनता के बीच रहेंगे. पहले भी रहे हैं और आगे भी रहेंगे. जितना हो सकेगा उतना जनता के बीच रहने की कोशिश करेंगे. उनकी समस्याओं को समझेंगें. उनकी समस्याओं का सरल समाधान जो होगा वो निकालेंगे. अगर हम निकाल पाएंगें, तो वास्तविक तौर पर खुद को खड़ा कर पाएंगे, इस्टैबलिश कर पाएंगे. वही हमारा उद्देश्य है, उसी नेक दिशा में हम चलना चाहते हैं.

 

पहले तो आपकी सीट किसी और को दी जा रही थी!

 

ये तो पार्टी का डिसीजन है. पार्टी जो चाहेगी वो करेगी. दुष्यंत चौटाला पर मैं बहुत भरोसा करती हूं. वो एक युवा सांसद हैं, और उनको पॉपुलैरिटी मिली है, एक यूथ होने के नाते बहुत अच्छा काम किया है. हमारे सही मुद्दों को संसद में उठाया है. वो आज हमारे हरियाणा की जो जरूरत है, उसको पूरा कर रहे हैं. तो अगर उन्होंने मुझे इस सीट के लिए नॉमिनेट किया है, तो मुझे लगता है कि उन्होंने बहुत सेंसिबल डिसीजन लिया है. और वो एक यूथ और महिला को आगे कर रहे हैं. मैं हरियाणा के लोंगों के लिए शिक्षा, सुरक्षा, सफाई जैसी व्यवस्था के काम करूंगी. जो कि आम जरूरत हैं.

 

आपने अमेरिका में जो देखा-सीखा क्यो वो आप देश में भी लागू करेंगी, जब आप सत्ता में आ जाएंगी?

 

अगर हम अपने पास की गंदगी को साफ नहीं कर रहे हैं, तो हम कुछ नहीं कर रहे हैं. इसी मकसद से मैं राजनीति में आई हूं. मैंने यूएस से काफी कुछ सीखा है. मेरा मेने प्वाइंट यही है देश में वापस आने का. डेवलेप नेशन जो हैं, वहां पर महिलाओं को किस तरह आगे लाया जाता है. किस तरह माइनॉरिटीज (अल्पसंख्यक) जैसे हम बात करते हैं अमेरिकन-अफ्रीकन की तो उन्हें कैसे आगे लाया जाता है. वही जो काम है, उसे हमें अपने इंडिया के अंदर करना है. और उसकी सबसे पहली शुरूआत मैं भिवानी-महेंद्रगढ़ से करूंगी. यहां जो वैलिड मुद्दे हैं, समस्या है, उन पर मैं काम करूंगी.

 

राजनीति में आने से पहले की लाइफ के बारे में बताइए. कहां से पढ़ाई की?

 

मैं तकरीबन 10 साल यूएस (यूनाईटेड स्टेट ऑफ अमेरिका) में रही. जब 18 साल की थी तो मेरे पिता ने मुझे पढ़ने के लिए बाहर भेज दिया था. क्लेंसिग यूनिवर्सिटी, जो यूएस की टॉप 15 यूनिवर्सिटी में आती है. उसके अंदर मैंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग किया है. उसके बाद मेंने एमबीए एटलांटा के जिऑर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी से किया. चार साल यूएस में मैं बैंक ऑफ अमेरिका है या फिर एरिक्सन जैसी नामी कंपनियों में अच्छी पोजिशन पर रही हूं. स्कूलिंग मैंने दिल्ली के वसंत कुंज के रॉयन इंटरनेशनल स्कूल से की है. उनके परिवार में उनके पिता सत्यवीर यादव हैं. मां सरला यादव हैं, और एक बड़ा भाई नितिन यादव है. जो यूरो ग्रुप ऑफ स्कूल्स संभाल रहे हैं. डायरेक्टर हैं, जिसकी 11 ब्रांचेज हैं. स्वाति ने कहा कि उनके क्षेत्र में 14 लाख के करीब वोटर हैं, जिनके विकास के लिए उन्हें अब काम करना हैं.

 

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