अमेरिका में बेखौफ हो रही है मानव तस्करी, भारतीय ने खुद कबूला

अमेरिका में 60 वर्षीय भारतीय व्यक्ति ने मानव तस्करी जैसे जुर्म में अपनी भूमिका को कुबूल कर लिया है। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव तस्करी करता था और अपने लाभ के लिए 400 भारतीयों को अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करा चुका है। यह जानकारी अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा दी गई है।

मानव तस्करी
दोषी व्यक्ति का नाम यादविंदर सिंह भांबा है। उसने बीते महीने पोर्टो रीको जिला मजिस्ट्रेट न्यायाधीश सिविया कैरेनो कोल के समक्ष विदेशियों की तस्करी अमेरिका में करने के षड्यंत्र का हिस्सा होना स्वीकार किया है। अब उसे अप्रैल में सजा सुनाई जाएगी।

भांबा ने अपनी अर्जी में ये स्वीकार किया है कि 2013 से उसकी डोमिनिक गणराज्य, हैती, पोर्टो रीको, भारत और अन्य से संचालित होने वाले एक मानव तस्करी षड्यंत्र में नेतृत्व की भूमिका थी। इसी के तहत उसने करीब 400 लोगों को साल 2013-2015 के बीच अमेरिका में अवैध तरीके से प्रवेश कराया। इन लोगों की भांबा ने निजी तौर पर सहायता की थी।

न्याय विभाग क्रिमिनल डिविजन के असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल ब्रेन बेंककोवस्की का कहना है कि भांबा न केवल लोगों की मदद करता था बल्कि उन्हें कैसे कब क्या सहायता पहुंचानी है, ये सब भी देखता था। इसके लिए उसे संबंधित लोग जो भारत से अमेरिका लाए जाते थे, 30 हजार डॉलर से लेकर 85 हजार डॉलर तक देते थे। यह उसकी कमाई का प्राथमिक स्त्रोत था।

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भांबा को डोमिनिक गणराज्य से अगस्त 2017 में गिरफ्तार किया गया था और उसे पोर्टो रीको ट्रांसफर किया गया। भांबा और इस षडयंत्र में शामिल अन्य लोग तस्करी कर लाए जा रहे लोगों के लिए आने का बंदोबस्त करते थे। इन लोगों को पुरानी और बिना लाइसेंस वाली नौकाओं के सहारे लाया जाता था। जिनमें क्षमता से अधिक लोगों को सवार किया जाता था।

इन लोगों के समूह को पहले डोमिनिक गणराज्य से पोर्टो रीको और फ्लोरिडा लाया जाता। इसके बाद इन्हें भांबा के साथी ठहरने के लिए घरों में ले जाते थे। ये लोग इन घरों में तब तक रहते थे जब तक इनके अमेरिका, न्यूयॉर्क और अन्य राज्यों के लिए फ्लाइट का इंतजाम नहीं हो जाता। इन लोगों के अमेरिका में रहने के लिए भांबा और उसके साथ नकली पहचानपत्रों का सहारा लेते थे।

वहीं जो नाव लोगों को लाने के लिए इस्तेमाल होती थीं वह टूटी हुई, पुरानी और बेहद असुरक्षित होती थीं। एक यात्रा के दौरान अमेरिका लाए जा रहे एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। केवल इतना ही नहीं तस्करी करने वाले ये लोग यात्रियों से यात्रा को दौरान पासपोर्ट छीन लेते थे, उनके साथ शारीरिक शोषण करते थे और पैसे हड़पने के लिए उनके परिवार वालों को धमकी देते थे।

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भांबा खुद यात्रा करने और षडयंत्र से जुड़े पैसों के ट्रांजेक्शन के लिए भारत, डोमिनिक और जामइका के पहचान से संबंधित नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल करता था। उसने वीजा के लिए अधिकारियों को कई लोगों के नौकरी से संबंधित झूठे दस्तावेज भी दिखाए थे।

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