
अमेरिकी ग्लोबल सिक्योरिटी रिव्यू ने फिर एक बार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को कठघरे में लाकर खड़ा किया है। इस बार रिव्यू के मुताबिक यह कहा गया है कि पाकिस्तान की आईएसआई एजेंसी ने आतंकवादी संगठनों का समर्थन किया है जो भारत के भीतर सामरिक रूप से सक्रिय हैं। केवल इतना ही नहीं यह अफगानिस्तान में भी अपना अधिक प्रभाव डालते हैं।
इस रिव्यू के मुताबिक आईएसआई पर जम्मू कश्मीर में घुसपैठ के कई ठोस दावे किए गए हैं। यहां तक कि जम्मू के किश्तवाड़ जिले में बिते 7 दिसंबर को हुए हमले के पीछे भी आईएसआई का हाथ होने के दावे किए जा रहे हैं। घटना के बाद गिरफ्त में आए गुप्तचर को आईएसआई का खबरी तक बताया गया है।
एक वरिष्ठ संपादक और अतंरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ एवं साक्षात्कारकर्ता एलेक्जेंडर गिलियर्ड ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पाकिस्तान की आईएसआई लगातार जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों को बढ़ावा दे रही है।इसके लिए उन्होंने 7 दिसंबर को जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ में हुई घटना का उदाहरण दिया। जहां पुलिस ने शहरान शेख नाम के संदिग्ध को गिरफ्तार किया था, जो पाकिस्तान की जासूसी संस्था के लिए काम करता था। गिलियर्ड ने कहा, ‘चूंकि यहां परिस्थिति न्यायिक रूप से अनसुलझी हैं, इस घटना ने एक बार फिर से पाकिस्तान की आईएसआई और क्षेत्र के आतंकी संगठनों के साथ उसके रिश्ते को सामने लाने का काम किया।’
इन 58 आर्थिक भगोड़ों को भारत लाने को तैयारी केंद्र सरकार, जानें कौन-कौन हैं वो…?
गिलियर्ड ने आगे लिखा, ‘इस तसह की कोशिशों के जरिए पाकिस्तान क्षेत्रीय विरासत का प्रचार करते हुए भारत और अफगानिस्तान दोनों की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा है। आईएसआई न केवल बहुत से आतंकी संगठनों की मदद करता है बल्कि उन्हें पैसा भी प्रदान करता है। जिसमें अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क हैं जिसके परिणामस्वरूप आईएसआई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों के उल्लंघन की वजह से निंदा झेलनी पड़ी।’ गिलियर्ड ने आईएसआई को आतंकवाद से निपटने के लिए बनाई गई नीतियों को लागू करने में असफल बताया।