बीजेपी की नई रणनीति, अमृतसर से सिध्दू के बाद इस दिग्गज क्रिकेटर पर खेल सकती है दांव…

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में अमृतसर की प्रतिष्ठित सीट से बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। पार्टी इस सीट से क्रिकेटर हरभजन सिंह को उतारने की तैयारी में है।

भाजपा ने इस बाबत हरभजन सिंह से संपर्क भी साधा है। अमृतसर सीट से पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू तीन बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। भाजपा हरभजन को उतारकर वित्त मंत्री अरुण जेटली की पिछली हार का हिसाब भी चुकता करना चाहती है। जेटली इस सीट से 2014 में कैप्टन अमरिन्दर सिंह से हार गए थे।अमृतसर सीट से अभी तक भाजपा को कोई मजबूत व लोकप्रिय चेहरा नहीं मिला है। इस कारण इस बातचीत के परवान चढऩे की संभावना जताई जा रही है। हरभजन भी भाजपा के इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हरभजन से चुनाव लडऩे के मुद्दे पर बातचीत हो रही है। बुधवार तक वह भारत और ऑस्ट्रेलिया वनडे मैच की कमेंटरी में बिजी थे। उनका थोड़ा समय चाहिए।

दूसरी ओर हरभजन सिंह ने भी स्वीकार किया कि भाजपा ने हाल ही में अमृतसर सीट से चुनाव लड़ने के लिए उनसे संपर्क किया। वैसे उन्होंने अभी कुछ भी तय नहीं किया है। उन्होंने कहा मैं अभी तक भाजपा के किसी टॉप नेता से नहीं मिला हूं। 38 वर्षीय हरभजन सिंह स्पिन गेंदबाज के तौर पर टीम इंडिया के लिए महत्वपूर्ण योगदान किया है और वे फैंस के बीच काफी लोकप्रिय हैं।

हरभजन युवाओं के बीच लोकप्रिय
हरभजन सिंह का कहना है कि मुझे नहीं मालूम कि यह राजनीति में शामिल होने का सही समय है या नहीं। यदि मैं चुनाव लडऩे का मन बनाता भी हूं तो तैयारियों के लिए बहुत कम समय है। युवाओं के बीच लोकप्रिय चेहरे के रूप में हरभजन भाजपा के समीकरणों में पूरी तरह फिट बैठते हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता के अनुसार अभी हमारे पास कोई स्थानीय चेहरा नहीं है, जो अमृतसर से लड़ सके।

सिद्धू तीन बार जीत चुके हैं चुनाव
पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस में जाने से पहले तीन बार भाजपा के टिकट पर अमृतसर से चुनाव जीत चुके हैं। 2014 के चुनाव में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली यहां से चुनाव मैदान में उतरे थे मगर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें हरा दिया था।

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भाजपा का मानना है कि 2014 में भाजपा को यह सीट गंवानी पड़ी थी क्योंकि जनता में अकालियों के खिलाफ आक्रोश था। भाजपा हरभजन को इसलिए उतारना चाहती है क्योंकि उन्हें यहां काफी लोकप्रिय चेहरा माना जाता है। पार्टी को लगता है कि हरभजन सिंह का स्टार टैग पंजाब में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को दरकिनार करने में मदद करेगा।

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