अमित शाह से रिश्ते सुधारना केजरीवाल के लिए बड़ी चुनौती
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अगले कुछ माह आप और भाजपा के लिए बेहद अहम हैं। केंद्र की भाजपा सरकार और दिल्ली की आप सरकार के तालमेल से ही यहां के लोगों की बेहतरी संभव है। खासतौर से केंद्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के बीच तालमेल बेहद जरूरी है। इनके सियासी रिश्ते अब तक बेहद तल्ख रहे हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शाह पर तीखे हमले बोलते हुए भाजपा को वोट नहीं देने की अपील की थी। अब उनके सामने उन्हीं शाह के साथ तालमेल की चुनौती है।
दरअसल, दिल्ली की कानून-व्यवस्था, पुलिस, भूमि से जुड़े मामले और सेवा सीधे उपराज्यपाल के अधीन आते हैं। उपराज्यपाल सीधे तौर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करते हैं। दूसरी तरफ नौकरशाही दिल्ली की सरकार से तय की गई योजनाओं पर काम करती है। ऐसे में कामकाज की किसी संभावित अड़चन से बचने के लिए गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के बीच ताल्लुकात बेहतर होने जरूरी हैं।
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इससे पहले, चुनावों के दौरान बतौर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर अरविंद केजरीवाल काफी हमलावर थे। एक ट्वीट में उन्होंने कह डाला था कि ‘यदि भाजपा सरकार दोबारा आती है तो अमित शाह गृह मंत्री बनेंगे। जिस देश के गृह मंत्री वह होंगे, उस देश का क्या होगा, यह सोचकर वोट करना।’
अरविंद केजरीवाल के ट्वीट पर तंज कसते हुए फरीदाबाद के सांसद और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा था कि ‘केजरीवाल को देश की जनता के भले के लिए वोट डालने को प्रेरित करने पर धन्यवाद है।’ इससे पहले पूर्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह से अरविंद केजरीवाल ने कई बार मुलाकात कर दिल्ली से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की थी।