अभी भी बरकरार धूमल का चांस, तीन विधायक कुर्बानी को तैयार… रेस में नड्डा और जयराम
नई दिल्ली। हिमाचल में भाजपा की धाकड़ जीत के बाद भी सीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। जहां एक ओर चुनाव हारने के बावजूद पार्टी के सीएम कैंडिडेट रहे प्रेम कुमार धूमल अभी भी रेस में बने हुए हैं। वहीं दूसरी ओर जेपी. नड्डा और जयराम ठाकुर का नाम भी इस फेहरिस्त में आगे बना हुआ है। फिलहाल नया सीएम चुनने के लिए बीजेपी के दो सेंट्रल ऑब्जर्वर गुरुवार को शिमला पहुंच गए। ये हैं निर्मला सीतारमण और नरेंद्र सिंह तोमर।
बता दें दोनों नेता चुनकर आए पार्टी के 44 विधायकों और बाकी नेताओं से बातचीत कर नए सीएम पर फैसला लेंगे और इसकी जानकारी पार्टी हाईकमान को देंगे।
2जी केस में कांग्रेस के लिए सरदर्द बन सकती है स्वामी की ये बात
दूसरी ओर यह भी खबर है कि धूमल के लिए तीन विधायकों ने अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की है।
खबरों के मुताबिक़ निर्मला सीतारमण और नरेंद्र सिंह तोमर पार्टी के सभी 44 विधायकों से बातचीत कर सीएम के तौर पर उनकी राय जानने की कोशिश करेंगे। इस दौरान पार्टी इंचार्ज मंगल पांडे और स्टेट पार्टी चीफ सतपाल सत्ती भी मौजूद रहेंगे।
ध्यान रहे, हिमाचल प्रदेश असेंबली इलेक्शन में बीजेपी ने सीएम के तौर पर प्रेम कुमार धूमल का नाम प्रेजेंट किया था। पार्टी ने तो शानदार जीत दर्ज की लेकिन धूमल सुजानपुर सीट हार गए। पार्टी के लिए इससे दिक्कतें बढ़ गईं।
अब यूनियन हेल्थ मिनिस्टर जगत प्रकाश नड्डा और पांच बार विधायक रहे जयराम ठाकुर के नाम सीएम की रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं।
हालांकि, धूमल अब भी रेस से बाहर नहीं माने जा रहे हैं। पार्टी के तीन विधायकों ने तो धूमल के लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश कर दी है।
बॉयलर हादसा: मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा देगी बिहार सरकार
यह भी माना जा रहा है कि सीतारमण और तोमर धूमल से भी बातचीत करेंगे। इस दौरान पार्टी के ऑर्गनाइजेशन सेक्रेटरी पवन राणा भी मौजूद रह सकते हैं।
वहीं इन सबके इतर पार्टी में कई वरिष्ठ नेता ऐसे भी हैं जो धूमल के सीएम बनाने के विरोध में है। उन्होंने इस बात का पुरजोर विरोध भी किया है।
ख़बरों की माने तो उनका कहना है कि पार्टी में बहुत से ऐसे नेता मौजूद हैं जो चुनाव जीते हैं और सीएम पद के लिए भी योग्यता रखते हैं। यदि पार्टी इस तरह का कोई फैसला करती है तो इससे जनता के बीच गलत संदेश जाने के आसार है। ऐसे में एक हारे हुए कैंडिडेट को सीएम बनाना पार्टी के लिए हितकर न होगा।
देखें वीडियो :-