अब भी नही टला है फैनी का खतरा, दोबारा अलर्ट हुआ जारी…

नासा ने चक्रवाती तूफान फैनी से प्रभवित देशों को सतर्क रहने के लिए कहा है। उपग्रह के जरिये ली गई ताजा तस्वीरों से उसने आंका है कि अभी आगे भी यह तूफान अपना रौद्र रूप दिखाएगा।

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वहीं आगे क्या होगा पता नहीं, पर फैनी की दहशत चारों ओर फैली है। भारत का समूचा समुद्री व धरातलीय क्षेत्र फैनी के डर से आक्रांत है। ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में इसका कमोबेश असर दिखा है।

 

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तूफान से बचाव के लिए खुद प्रधानमंत्री दिल्ली में अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक कर चुके हैं। जहां बचाव के सभी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और सुरक्षा एजेंसियों की बैठकें लगातार जारी हैं।

 

बता दें की फैनी तूफान की गति दूसरे तूफानों से ज्यादा आंकी गई है। तूफान की चपेट में आने वाले सभी संभावित क्षेत्रों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिए हैं।

 

लेकिन ओडिशा में अभी तक फिलहाल काफी नुकसान हुआ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वहां तीस से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है। वहां राहत-बचाव में कोई बाधा न आए, इसके लिए समयावधि से पहले ही लोकसभा चुनाव के लिए लगाई गई आदर्श आचार संहिता हटा दी गई है और केंद्र से लेकर राज्य सरकार पूरी तरह मुस्तैद है।

 

देखा जाये तो ओडिशा में कोहराम मचाने के बाद फैनी अब बंगाल में दाखिल हो चुका है और पिछले दो दिनों से वहां और झारखंड में तूफानी हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हो रही है।

खबरों के मुताबिक नासा ने शनिवार को फैनी की ताजा तस्वीरें और नवीनतम जानकारी प्रभावित देशों से साझा कीं और बताया कि तूफान का प्रकोप आगे भी जारी रहेगा। नासा के मुताबिक फैनी एक उष्णकटिबंधीय तूफान है, जो मानवीय हिमाकत के बाद उत्पन्न हुआ है। किसी भी चक्रवाती तूफान का नामकरण उस स्थिति में किया जाता है, जब उसकी रफ्तार 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा हो।

 

लेकिन जब इसकी रफ्तार सौ या उससे ज्यादा हो, तो वह तूफान गंभीर चक्रवाती तूफान कहा जाता है। वहीं, अगर अन्य तूफान की रफ्तार 200 किमी प्रति घंटे से ज्यादा होती है, तो उसे सुपर साइक्लोन की संज्ञा दी जाती है। फैनी को इसी श्रेणी में माना गया है। तूफान का नामकरण वही देश करता है, जिसके क्षेत्र में यह जन्म लेता है। चूंकि फैनी तूफान बांग्लादेश से शुरू हुआ, इसलिए उसी ने इसका नामकरण किया।

दरअसल इंसान लगातार जंगलों, नदियों, समुद्रों से छेड़छाड़ कर रहा है। उसी के नतीजतन फैनी के रूप में प्रकृति का यह रौद्र रूप सामने आया है।

 

वहीं धरती से छेड़छाड़ के कारण प्राकृतिक आपदाओं की आशंकाएं बढ़ गई हैं। धरती पर इंसानी जीवन को सुरक्षित रखने के लिए प्रकृति से खिलवाड़ को तत्काल प्रभाव से त्यागना होगा, नहीं तो आने वाले वक्त में इंसानी जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।

फिलहाल फैनी की अनहोनी से बचने के लिए प्रभावित इलाकों में सरकारी अमला हरसंभव कोशिशों में जुटा है। एहतियात के तौर पर प्रशासन ने ओडिशा के सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद करवा दिया है।

 

दरअसल सरकारी कार्यालयों में भी काम-धंधे बंद हैं। मछुआरों को सख्त हिदायत दी गई है कि जब तक प्रशासन का अलर्ट रहे, वे समुद्र में हरगिज न जाएं।

 

वहीं समुद्र तट से अंदर करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर अब भी लंबी-लंबी बौछारें बन रही हैं, जो तूफान के बने रहने का संकेत देती हैं। चौतरफा तैयारी और सतर्कता को देखते हुए उम्मीद करनी चाहिए कि फैनी अगर दोबारा मजबूत होता है, तब भी ज्यादा नुकसान नहीं हो पाएगा।

 

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