अब बिना RTO जाए बन जाएगा Driving License, जानिए नए नियम

अगर आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब आपको RTO के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। RTO जाकर टेस्ट देने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

दरअसल, परिवहन मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए एक नया नियम बनाया है। अगले महीने से लोग सरकार से मान्यता प्राप्त ड्राइविंग सेंटर्स में जा कर ड्राइविंग की ट्रेनिंग ले सकेंगे, जिसका उन्हें एक सर्टिफिकेट मिलेगा। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते समय टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इन ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों में कड़ी और मजबूत ट्रेनिंग दी जाएगी, इसलिए सरकार इन सेंटरों से मिले सर्टिफिकेट के आधार पर लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाएगा।

सड़क परिवहन मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के संबंध में नया आदेश जारी कर दिया है। 1 जुलाई, 2021 से ये नियम लागू हो जाएगा। नया नियम आने के बाद अब आपको किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर में रजिस्ट्रेशन करवाकर ट्रेनिंग लेनी होगी। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद टेस्ट लिया जाएगा। टेस्ट पास करने वालों को सर्टिफिकेट मिलेगा और इसी सर्टिफिकेट के जरिये आसानी से बन सकेगा आपका ड्राइविंग लाइसेंस। ‘मोटर व्हीकल एक्ट’ 1998, के तहत इन ट्रेनिंग सेंटर्स में ‘रेमेडियल’ और ‘रिफ्रेशर’ पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे। मंत्रालय ने मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए अनिवार्य नियम अधिसूचित कर दिए हैं। सड़क और परिवहन मंत्रालय के अनुसार मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केंद्रों के द्वारा दी गई मान्यता 5 सालों के लिए वैध होगी। 5 सालों बाद इसका नवीनीकरण कराना होगा। हल्के मोटर वाहन चालक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की अवधि 4 हफ्ते में 29 घंटों की होगी। इस पाठ्यक्रम को दो श्रेणियों में बांटा जाएगा। मध्यम और भारी मोटर वाहनों के लिए ट्रेनिंग का समय 6 हफ्ते में 38 घंटे का होगा।

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