अबकी बार वोटिंग में PM मोदी ने वो नहीं किया जो पिछली बार कर विवादों में आ गए थे !

चुनाव2019: इन दो तस्वीरों को गौर से देखिए. एक तस्वीर है 2014 की. इसमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री वोट डाल के आए हैं. दूसरी तस्वीर है 2019 की. इसमें भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री वोट डालकर आए हैं.

ये हैं शब्दों की लंतरानियां, क्यूंकि आप सब जानते ही हैं कि दोनों तस्वीरें नरेंद्र दामोदर मोदी की ही हैं. खैर फिर से गौर कीजिये तस्वीरों पर. एक बड़ा अंतर ये है कि एक तस्वीर में मोदी जी तस्वीर (सेल्फी) खींचते हुए दिख रहे हैं और दूसरी में मोदी जी तस्वीर खिंचाते हुए. लेकिन ये इतना बड़ा अंतर भी नहीं, कम से कम इतना बड़ा अंतर तो नहीं ही कि इसपर हम एक स्टोरी करने लगें.

 

लेकिन जिस चीज़ के चलते इस कहानी का आस्तित्व है वो घटनाएं आपको उसी क्रम में बताते हैं जिसमें वो घटीं –

 

# 2014 – इस साल जब प्रधानमंत्री मोदी, प्रधानमंत्री की रेस में थे और उन्होंने वोट देने के बाद अपनी तस्वीर खिंचवाई थी, तो उस तस्वीर में उनके हाथ में कमल का फूल भी था.

 

# कमल का फूल भाजपा का चुनाव चिन्ह है और उसे वोटिंग के 48 घंटे पहले से लेकर वोटिंग के दौरान तक प्रदर्शित करना आचार संहिता का खुला उल्लंघन था.

चुनाव का अनोखा रंग, वोटिंग के दौरान मशीन से निकला सांप…

# 30 अप्रैल, 2014 को चुनाव आयोग के निर्देश पर पुलिस ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126 (1) (ए) और 126 (1) (बी) के तहत प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए मोदी के खिलाफ FIR दर्ज कर दी.

 

# मई 2016 में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने उन्हें इस केस में क्लीन चिट दे दी.

 

# अब आते हैं अप्रैल 2019 में. और अब देखते हैं वो तस्वीर जो उन्होंने 23 तारीख को खिंचवाई है. इसमें कमल नदारद है. क्यूंकि ये जो पब्लिक है वो नारद है. और ये सब जानती है. बाकी जो है, सो है.

 

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