रंग लाया लालू का दांव… अखिलेश संग मिलकर मुलायम को दिया कभी न भूलने वाला दर्द    

अखिलेश और मायावतीनई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने 27 अगस्त को पटना में एक विशाल रैली का आयोजन किया है। इस रैली में देशभर के विपक्षी दल एक साथ जमा होंगे। यह भी खबर इस रैली में मायावती और अखिलेश के बीच लम्बे अरसे से चले आ रहे मन मिटाव को भी दूर करने की कोशिश है। इस काम को अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभा रहे है इस रैली के आयोजनकर्ता लालू प्रसाद। इसलिए लालू ने इस रैली में मुलायम को आने के लिए ख़ास तौर पर निमंत्रण दिया है। वहीं अखिलेश और मायावती पहले ही यहाँ आने के लिए हामी भर चुकी हैं। अब मुलायम इस रैली में आएंगे या नहीं इस बात पर अभी संशय है। अंदर खाने यह भी कहा जा रहा है कि मुलायम सिंह इससे खुश नहीं हैं।

पटना में 27 अगस्त को होने वाली इस रैली में उत्तर प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती के एक मंच पर आने से सियासी संभावनाओं का दौर बढ़ गया है। लोग इन दोनों को लेकर तरह-तरह की चर्चा करते नजर आ रहे हैं।

वहीं सियासी गलियारों में दबी जुबान से एक आवाज़ सामने आ रही है कि क्या माया और अखिलेश एक साथ आ जाएंगे।

आपको बता दें कि लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में आयोजित किए जाने वाली महारैली में 27 अगस्त को पटना आने के लिए जहां बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने हामी भर दी है वहीं समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव भी इस रैली में पटना आने की पुष्टि की है।

अखिलेश यादव ने अहम बयान देते हुए कहा कि राहुल गांधी हमेशा साथ रहेंगे, लेकिन जब उनसे मायावती के साथ पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि लालू की रैली का इंतजार कीजिये हमे भी न्योता मिला सभी वहाँ पहुंचेगे जो होगा सभी को पता चल जाएगा।

इस रैली में बसपा नेताओं को भी बुलाया गया है, वह भी जाएंगी। हालांकि मायावती ने अभीतक इस बारे में कुछ नहीं कहा है लेकिन जिस तरह से उन्होंने हाल में अपनी प्रतिक्रिया दी थी कि उसे देखते हुए साफ है कि वह अखिलेश के साथ आ सकती हैं।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा विरोधी दलों की करारी हार के बाद लालू प्रसाद यादव वहां नए सिरे से लड़ाई के लिए बिसात बिछाने की तैयारी में लग चुके हैं।

इसी का नतीजा है कि लालू यादव बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रमुख मायावती एवं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से संपर्क करते हुए दोनों को एक साथ मंच पर आने की बात कही है। लालू ने मुलायम सिंह को भी साथ आने के लिए रिश्तेदारी का वास्ता दिया है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मात्र 19 सीट वाली पार्टी की मुखिया मायावती को अगले साल राज्यसभा की सदस्यता भी लालू बिहार से दिलवाना चाहते हैं। वही सत्ता से बेदखल हुए अखिलेश और मायावती को एक मंच पर लाने की कोशिश अगर परवान चढ़ गया तो यह लालू के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।

लालू प्रसाद के द्वारा इस रैली को भाजपा भगाओ देश बचाओ का नाम दिया गया है जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, मायावती, शरद पवार, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक, स्टालिन व देवेगौड़ा के साथ साथ अंय विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे और इस रैली को यादगार रैली बनाएंगे।

वहीं दूसरी तरफ कोलकाता की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट करते हुए रैली में आने की पुष्टि की है, इनके साथ साथ कई ऐसे भी दल हैं जो एक मंच पर उपस्थित हो सकते हैं।

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