
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में संकेत दिए हैं कि नवंबर के बाद उनकी सरकार में कैबिनेट फेरबदल हो सकता है। यह बदलाव ऐसे समय होगा जब सिद्धारमैया सरकार के ढाई साल पूरे हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने चार महीने पहले ही कैबिनेट विस्तार का सुझाव दिया था, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया था कि यह ढाई साल के बाद ही होगा।
सिद्धारमैया ने कहा, “जब यह पड़ाव पार हो जाएगा तो मैं पार्टी नेतृत्व के साथ चर्चा करूंगा और उनके निर्देशों के अनुसार आगे बढ़ूंगा।” यह बयान बिहार चुनावों के बाद आ रहा है, जहां नेतृत्व परिवर्तन के कयासों के बीच कैबिनेट फेरबदल को सिद्धारमैया की स्थिति मजबूत करने की रणनीति माना जा रहा है।
सिद्धारमैया 16 नवंबर को दिल्ली दौरे पर रहेंगे, जहां वे वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल की नई किताब के विमोचन कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस दौरान वे पार्टी आलाकमान से मुलाकात करेंगे और कर्नाटक सरकार के विकास कार्यों की जानकारी देंगे। सीएम ने बताया कि कर्नाटक विधानसभा का शीतकालीन सत्र दिसंबर में आयोजित होगा।
नेतृत्व परिवर्तन के कयासों के बीच फेरबदल
कर्नाटक कांग्रेस में सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद साझा करने की अफवाहें लंबे समय से चल रही हैं। 2023 चुनाव जीत के बाद सिद्धारमैया को सीएम बनाया गया था, लेकिन शिवकुमार के समर्थक दावा करते हैं कि अनौपचारिक समझौता था। नवंबर में ढाई साल पूरे होने पर ये कयास फिर तेज हो गए हैं। हाल ही में सिद्धारमैया ने मंत्रियों के साथ डिनर मीटिंग की, जहां कैबिनेट फेरबदल पर अनौपचारिक चर्चा हुई। स्रोतों के अनुसार, 15 नए मंत्रियों को शामिल करने की योजना है, जो सिद्धारमैया की स्थिति को मजबूत करेगी।
पार्टी हाईकमान ने हाल ही में राज्य सरकार की समीक्षा की और नए चेहरों को जगह देने की सलाह दी। सिद्धारमैया ने कहा कि फेरबदल से पार्टी संगठन को भी मजबूती मिलेगी, खासकर BBMP, जिला पंचायत और तालुका पंचायत चुनावों के मद्देनजर। शिवकुमार ने अफवाहों को खारिज किया, लेकिन सिद्धारमैया कैंप का कहना है कि यह बदलाव नेतृत्व परिवर्तन को टालने का तरीका है।





