
वाराणसी: लोकसभा चुनाव अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है. इस फाइनल दौर की लड़ाई का बड़ा मैदान बनारस बना है. लिहाजा अंतिम चार दिन यहां बड़ा महासमर होने जा रहा है. इस महासमर में सबसे पहले 15 तारीख को प्रियंका गांधी उसी लंका इलाके के बीएचयू से अपना रोड शो शुरू कर बिगुल बजाने जा रही हैं जहां से कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना रोड शो कर युद्ध का यलगार किया था.

प्रियंका का रोड शो बीएचयू के पास मालवीय प्रतिमा से शुरू होकर उन्ही रास्तों लंका, अस्सी, शिवाला भदैनी सोनारपुरा मदनपुरा गोदौलिया होते हुए विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचेगा जिन रास्तों से प्रधानमंत्री का रोड शो हुआ था. दोनों रोड शो की खास बात यह है कि बनारस में हिंदुत्व का रंग देने के लिए जहां पीएम मोदी दशाश्वमेघ घाट पर गंगा आरती में शामिल होकर शो खत्म किया था तो वहीं प्रियंका गांधी बाबा विश्वनाथ के दरबार में मत्था टेककर अपने रोड शो को खत्म करेंगी.
प्रियंका के बाद 16 तारीख को महागठबंधन भी अपनी लड़ाई को धार देने के लिए मायावती के साथ अखिलेश की संयुक्त रैली करेंगे. इस रैली के जरिए अखिलेश और मायावती पीएम नरेंद्र मोदी को उन्हीं के संसदीय क्षेत्र में चुनौती तो देंगे ही पर पूरे पूर्वांचल में भी इस रैली का बड़ा असर पैदा करने की कोशिश की जाएगी.
हालांकि बीजेपी के गढ़ में मोदी को गठबंधन की यह चुनौती प्रतीकात्मक ही नजर आएगी क्योंकि एक तो सपा और बसपा कभी भी बनारस में मजबूत स्थिति में नहीं रहे दूसरे सपा ने जो प्रत्याशी उतारा है वो भी मोदी के कद के आगे बेहद कमजोर है.
हालांकि इस लड़ाई को दिलचस्प बनाने के लिए सपा ने नामांकन के अंतिम दिन बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर पर दांव लगाया था. यह दांव कुछ सटीक भी लग रहा था लेकिन सपा के तरकश से ये तीर निकल पाता उसके पहले ही चुनाव आयोग ने इसे तरकश में ही बंद कर दिया.
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16 मई से अंतिम तीन दिन पीएम मोदी के भी बनारस की इस लड़ाई में कूद पड़ने की खबर आ रही है. खबर है कि 16 तारीख को चंदौली में पीएम की सभा है उसके बाद वे रात्रि विश्राम यहीं कर सकते हैं. 17 मई को सुबह वे मंदिरों के दर्शन को जा सकते हैं.
चर्चा तो ये भी है कि वे पहली बार बनारस में डोर टू डोर कैंपेन भी कर सकते हैं और पोलिंग के दिन भी वे यहीं रह सकते हैं. इसमें किसी को हैरानी भी नहीं होनी चाहिए क्योंकि पीएम मोदी चुनाव प्रचार के अपने नए नए तरीके से पहले भी चौंकाते रहे हैं. इसके साथ ही बीजेपी के सभी मंत्री से लेकर बड़े नेता तक बनारस के चुनावी मैदान में इन दिनों उतर पड़े हैं और वे अपने-अपने तरीके से इस लड़ाई में भागीदारी कर रहे हैं.
जाहिर है कि जब मुकाबला इतना दिलचस्प होगा तो मीडिया भला कैसे पीछे रह सकती है. इस पूरे बैटल को अपने कैमरों में कैद करने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों के भी जर्नलिस्ट इन दिनों बनारस में डेरा डाले हुए हैं और इस लड़ाई को अपने-अपने चश्मे से देख रहे हैं.
साफ है कि आखिरी दौर की पूर्वांचल की ये सभी सीटें 2014 में बीजेपी की झोली में थीं, ऐसे में एक बार फिर उसे अपने पाले में रखने की लिए जहां बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगाएगी वहीं सपा-बसपा और कांग्रेस इसमें सेंध लगाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं.





