
लखनऊ। अपने विवादित बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित दयाशंकर सिंह भाजपा से अलग होकर भी अपना राजनीतिक कद लगातार बढ़ाते जा रहे हैं। जब अपने विवादित बयान पर चारो तरफ दयाशंकर निंदा का सामना कर रहे थे उसी समय दयाशंकर को उनकी पत्नी स्वाति सिंह ने मजबूत सहारा दिया।
भाजपा से फौरी दबाव हटा तो ऐसा लगा कि दयाशंकर सिंह का राजनीतिक कद पहले से बढ़ गया है। उनकी पत्नी स्वाति सिंह ने टीवी पर मोर्चा संभाल लिया। उसी समय से ये हवा बनने लगी थी कि दयाशंकर और स्वाति समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं। इस बीच बीजेपी ने स्वाति सिंह को बीजेपी प्रदेश महिला मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया लेकिन गुरुवार सूबे के सीएम अखिलेश यादव ने दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह को सार्वजनिक रूप से सपा में शामिल होने का निमंत्रण देकर लोगों को अवाक कर दिया।
मौका था लखनऊ में एक पुरस्कार समारोह का है जहां सीएम अखिलेश विशेष उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाओं को सम्मानित करने आए थे। दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह भी सभागार में मौजूद थे। अखिलेश ने जब सिंह दंपति को वहां देखा तो उन्होंने खुलेआम सपा में आने की दावत दे दी। अखिलेश ने दयाशंकर की तरफ ऊँगली दिखाते हुए कहा, “बुआजी (मायावती) बार-बार कथित अपमानजनक टिप्पणी के बाद बीजेपी नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही थीं। उसके बाद मैंने त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया और कई पुलिस बल गठित किए गए।
उसके बाद जो हुआ वो सब जानते हैं।” इतना कहने के साथ ही अखिलेश ने दयाशंकर सिंह की तरफ इशारा करते हुए कहा, “समाजवादी पार्टी विकास की बात करती है। आपको हमारे साथ जुड़ना चाहिए। बीजेपी आपकी मदद नहीं करेगी।” शायद एक बार काफी नहीं था इसलिए अखिलेश ने अपनी फिर दोहरायी।
सीएम अखिलेश यादव की बात से उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गयी है।