सरकार भुगतेगी उपद्रवी को जीप से बांधने की सजा, जारी हुआ मालामाल करने का फरमान

सेना की जीपनई दिल्ली। एक बार फिर सेना की जीप से बांधे गए अहमद डार को लेकर सियासत गर्मा सकती है। बीजेपी-पीडीपी की साझा सरकार को जम्मू कश्मीर मानवाधिकार आयोग ने फारूक अहमद डार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा है।

बता दें कि पत्थरबाजों से निपटने के लिए सेना की जीप के बोनट से बांधकर ढाल की तरह बांधकर फारुक अहमद डार का इस्तेमाल किया गया था। जवानों को बचाने के लिए मेजर नितिन लितुल गोगोई ने डार को जीप के बोनट से बांधने का फैसला लिया था।

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मेजर के इस फैसले के बाद विवाद मच गया था। सियासी पार्टियों के साथ बौद्धिक वर्ग ने भी मेजर गोगोई के फैसले पर सवाल उठाया था। हालांकि विवादों के बीच सेना प्रमुख बिपिन रावत ने मेजर गोगोई का खुलकर समर्थन किया था और कहा था कि जवानों को पत्थरबाजों के बीच मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। मेजर और सेना प्रमुख को केंद्र सरकार और बीजेपी का भी पूरा समर्थन मिला।

आयोग के आदेश के बाद मेजर गोगोई के डार को जीप के बोनट से बांधने के फैसले पर बार फिर विवाद उठने की आशंका है। क्योंकि आयोग के फैसले के बाद यह साबित हो गया है कि फारूक अहमद डार पीड़ित हैं। हालांकि सेना डार को पत्थरबाज कहती रही है और बीजेपी खुलकर सेना के समर्थन में है।

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