सुविचार : जब भी नजर आए मुश्किल राह, आचार्य चाणक्य की इन 5 बातों पर करें गौर

जब भी कोई व्यक्ति मुश्किल में होता है तो अक्सर उसे समझ में नहीं आता कि उसे क्या करना है और क्या नहीं। उस दौरान व्यक्ति आसानी से किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंच पाता। लिहाजा उसे बड़ा नुकसान हो जाता है। लेकिन आज हम आपको वह 5 बातें बताने जा रहे हैं जो आपकी सही राह दिखाएंगी।

  1. आचार्य चाणक्य के अनुसार जब भी संकट आता है तो चुनौतियां काफी बढ़ जाती हैं और अवसर बहुत कम होते हैं। इसलिए व्य​क्ति को अलर्ट होकर उन अवसरों पर नजर बनाकर रखनी चाहिए क्योंकि ऐसे समय में जरा-सी चूक आपका बहुत बड़ा नुकसान कर सकती है।
  2. यदि व्यक्ति संकट से उबरने के लिए कुछ तैयारियां पहले से करके रखें तो मुश्किल समय से आसानी से निकला जा सकता है। लिहाजा हर शख्स को धन, अन्न आदि को संचय करके रखना चाहिए। बुरे वक्त में ये आपके लिए बहुत मददगार साबित होते हैं। धन को आचार्य चाणक्य ने सच्चा मित्र बताया है।
  3. संकट के समय में आपका पहला कर्तव्य आपके परिवार के प्रति जिम्मेदारी है। इसलिए उनकी सुरक्षा का विशेष खयाल रखना चाहिए और उनका पूरा साथ निभाना चाहिए। यदि उन पर कोई मुसीबत आ जाए तो उस मुसीबत से उन्हें निकालने का प्रयास करना चाहिए।
  4. चाणक्य नीति के अनुसार आप कितने ही बड़े संकट में हों, लेकिन अपनी सेहत का पूरा खयाल रखें। यदि आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो आप हर परिस्थिति का मुकाबला आसानी से कर पाएंगे। आपका शरीर और मस्तिष्क दोनों ही बेहतर काम करेंगे।
  5. संकट काल में कोई भी निर्णय लेने से पहले एक बार उसके अच्छे और बुरे परिणामों के बारे में सोचें। इसके बाद ठोस रणनीति के साथ ही काम करें. जो व्यक्ति पूरी रणनीति के साथ आगे बढ़ता है, वो बड़ी आसानी से हर मुश्किल को पार कर लेता है।
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