
सालभर से सुस्त वन विभाग में करोड़ों रुपये के पौधरोपण घोटाले की जांच में फिर तेजी आ गई है। आर्थिक अपराध शाखा कानपुर से आई टीम दूसरी बार जनपद में जांच को पहुंची है और चार दिनों से यहां डेरा जमाए हुए हैं। इगलास में दो दिन व अतरौली में एक दिन बिताने के बाद रविवार को खैर वन क्षेत्र में पौधरोपण की हकीकत जानी। इसी वन क्षेत्र में घोटाला सामने आने पर शासन ने जांच शुरू कराई थी।

ये है मामला
करीब डेढ़ साल पूर्व खैर रेंज में पौधरोपण व गड्ढा खोदाई के नाम पर नौ करोड़ रुपये के बजट मे घोटाला सामने हुआ है। पूर्व में जांच का दायरा खैर रेंज तक ही था, जो गड़बड़ी पाए जाने पर पूरे जनपद तक बढ़ गया।। उस समय प्रधान वन संरक्षक के निर्देश पर उप प्रधान मुख्य वन संरक्षक (मानव संसाधन) अशोक कुमार व मुख्य वन संरक्षक (कैंपा) सुनील कुमार समेत बनारस, अयोध्या, फैजाबाद, बरेली व हाथरस के जिला स्तरीय अधिकारियों की पांच टीमों ने जांच की। यहां न पौधे लगे और न ही गड्ढे लगे, इसके बाद भी करोड़ों का भुगतान हो गया। विभागीय जांच में अधिकारियों व रेंजर समेत करीब 20 लोग दोषी पाए गए हैं। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर तत्कालीन डीएफओ श्रीधर त्रिपाठी व वन संरक्षक वीके मिश्रा को पद से हटा दिया गया। बाद में वन संरक्षक समेत कई लोगों को निलंबित भी किया गया। घोटाले की राशि को देखते हुए शासन ने आर्थिक अपराध शाखा को इस मामले की जांच सौंपी। दिसंबर 2019 में भी टीम ने यहां आकर जांच की।
तीन वर्षों के पौधरोपण की जांच
आर्थिक अपराध शाखा की टीम गुरुवार को जनपद पहुंची। टीम विगत तीन वर्षों में खैर समेत अन्य रेंजों में हुए कुल पौधरोपण की हकीकत जानने आई है। इन वर्षों में 25 करोड़ से अधिक पौधरोपण पर खर्चा हुआ। हालांकि, सूत्रों की मानें तो नुकसान की धनराशि करीब चार करोड़ रुपये मानी जा रही है। गुरुवार व शुक्रवार को इगलास में कार्य का भौतिक सत्यापन किया। शनिवार को अतरौली वन क्षेत्र पहुंची। जबकि, रविवार को खैर रेंज में पहुंचकर जांच की। इसी रेंज में सबसे ज्यादा घालमेल पकड़ गया था। आर्थिक अपराध शाखा के सीओ अमरनाथ यादव के नेतृत्व में 5 सदस्यीय टीम ने हीरापुर नर्सरी समेत कई साइट पर जाकर पौधरोपण की जांच की। अफसरों के अनुसार रिकाॅर्ड के आधार पर जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया अनियमितता सामने आ रही है। खैर के अलावा टीम अलीगढ़ रेंज में भी जांच करेगी। खैर, इगलास व अलीगढ़ में ही सबसे ज्यादा घालमेल की आशंका है।