नई दिल्ली : नोटबंदी के बाद पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार अपना तीसरा पूर्ण एवं ऐतिहासिक आम बजट पेश कर रही है. इस बजट के जरिए मोदी सरकार सभी वर्गों को खुश करने की पूरी कोशिश कर रही है. लेकिन इस बजट के जरिए जनता के लिए सस्ते घर के सपने को मोदी सरकार कैसे पूरा करेगी यह बेहद चुनौती पूर्ण है. पीएम मोदी ने 2022 तक हर एक भारतीय को घर देने का वादा किया है. इस वादे को पूरा करने में अरुण जेटली का यह फैसला काफी हद तक मदद करेगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सस्ते घरों को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दे दिया है. इससे गरीबों के लिए सस्ते घरों की आपूर्ति तेजी से बढ़ेगी.
अभी तक बिल्डरों को बैंकों से लोन लेने में काफी परेशानियाँ उठानी पड़ती थीं. लेकिन इस फैसले के बाद यह समस्या हल हो जाएगी.
‘सबके लिए आवास’ ‘फलां का सपना गरीब को घर मिले अपना’ जैसे नारे सालों से सुने जा रहे थे लेकिन हुआ नहीं.
बैंक बिल्डरों को आसानी से लोन नहीं देते थे, जिस वजह से बिल्डरों को बाजार से महंगी दरों पर कर्ज लेना पड़ता था. जिस कारण मकानों के दाम बढ़ जाते थे.