सबसे बड़ा दौरा रद्द कर मोदी ने दिखाई तुर्की की हैसियत , हिटलरशाही नहीं हैं अब बर्दाश्त…
जब से जम्मू – कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद वहां कुछ समय के लिए माहौल कुछ गरमा सा गया था. देखा जाये तो भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाने का एतिहासिक निर्णय सफल हो पाया हैं.
जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की का दौरा रद्द कर वहां के राष्ट्रपति एर्दोगन को यही संदेश दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बड़े निवेश सम्मेलन में भाग लेने के लिए 27-28 अक्टूबर को सऊदी अरब जा रहे हैं, यहां से उन्हें तुर्की जाना था लेकिन अब वह वहां नहीं जाएंगे.प्रधानमंत्री कार्यालय ने तुर्की की यात्रा रद्द कर मलेशिया और पाकिस्तान को भी यही संदेश दिया है. भारत का रुख साफ है कि अगर हमारे हितों को प्रभावित करने की कोशिश की गई तो हम भी इसका सलीके से जवाब देंगे. रक्षा सहयोग पर बात होनी थी.
दरअसल तुर्की की एक रक्षा क्षेत्र की कंपनी इंडियन नेवी के लिए शिप का निर्माण करती थी, लेकिन इस प्रकरण के बाद इस कंपनी के काम पर रोक लगा दी गई है.
वहीं यही नहीं बल्कि तुर्की ने जब उत्तरी सीरिया में कुर्द विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला किया तो भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसका विरोध किया और इसे एकतरफा कार्रवाई करार दिया. भारत के अलावा चीन ने भी तुर्की के इस कदम की निंदा की थी. आखिरकार तुर्की को कुर्द विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोकनी पड़ी.