चंदा लेने में सपा सबसे आगे, दूसरे नंबर पर आप
लखनऊ। अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन से निकली आम आदमी पार्टी ने महज तीन साल में ही 38 करोड़ से ज्यादा का चंदा जुटाया। उत्तर प्रदेश की सपा चंदा लेने में देश की सभी पार्टियों से आगे निकल गयी।
एसोसिएशन फॅार डमोक्रेटिक रिफार्म संस्था की सर्वे रिपोर्ट बताती है कि जहां पूरी दुनिया प्लास्टिक मनी का इस्तेमाल कर रही है, वहीं भारत के राजनैतिक दलों को मिलने वाला चंदा कैश में आ रहा है। संस्था ने ये आंकडे वर्ष् 2004 से 2015 के बीच हुए लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में मिले चंदे और खर्च के आधार पर जारी किए।
इस अंतराल में राजनैतिक दलों को 21,00 करोड़ रुपए से ज्यादा का चंदा मिला, जिसमें 63 फीसदी कैश था। वहीं पिछले तीन लोकसभा चुनावों में यह आंकड़ा 44 फीसदी था।
रिपोर्ट में दावा किया गया कि 2004 से 2015 के बीच हुए 71 राज्यों के विधानसभा चुनावों में क्षेत्रीय राजनैतिक दलों को 2107 करोड़ का चंदा मिला। वहीं, वर्ष 2004, 2009 और 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में सभी दलों को 2339 करोड़ रुपए मिले। इसमें 55 फीसदी चेक से तथा 1039 करोड़ नगद मिला।
सपा चंदा लेने में सफल
उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय दलों में सबसे ज््यादा सपा चंदा लेने में सफल रही। सपा को इस अंतराल में 186.8 रुपए मिले जबकि खर्च महज 96.54 करोड़ ही हुआ।
वहीं अब तक सिर्फ दो विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर पर रही है। आप को अब तक 38.58 करोड़ रुपये चंदा मिला है। इनमें पार्टी ने 22.66 करोड़ रुपये खर्च किये।
सर्वे के मुताबिक ऊपर दिये गए सभी फंड सिर्फ क्षेत्रीय दलों द्वारा जुटाए गए हैं। इनमें सपा, आप, एआइएडीएमके, बीजेडी और सैड ने अब तक कुल 267.14 करोड़ रुपये जुटाए जो कि सभी क्षेत्रीय दलों को मिले चंदे का 62 फीसद है। इन पार्टियों ने ये चंदे सिर्फ 2004 , 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में जुटाए।
सर्वे के मुताबिक लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी को 118 करोड़ रुपये चंदा मिला और 90.09 करोड़ रुपये खर्च किये गए। वहीं सिर्फ 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी ने 51.83 करोड़ रुपये चंदा मिलने की घोषणा की। इस मामले में जयललिता की एआइएडीएमके भी ज्यादा पीछे नहीं रही है और तीसरे स्थान पर रही । पार्टी को तीनों लोकसभा चुनाव के दौरान 37.66 करोड़ रुपये मिले।