अरब में फंसे इन दो हजार भारतीयों की सुनने वाला कोई नहीं
नई दिल्ली। रोजगार की तलाश में सऊदी अरब गए दो हजार से ज्यादा भारतीय कामगारों को एक महीने से जेल में कैद कर रखा गया है।
यह सभी ठेकेदारों के चंगुल में फंसकर जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए। जहां उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
इन कैदियों ने अपनी मदद के लिए सऊदी अरब में भारतीय दूतावास से भी गुहार लगाई, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
सऊदी अरब में कैद भारतीयों ने लगाई मदद की गुहार
खबरों के अनुसार जेल में कैद कुछ भारतीय कामगारों ने वाट्स एप से वीडियो भेजकर पीएम मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अपनी रिहाई की गुहार लगाई है।
इन भारतीय कामगारों ने वीडियो में बताया कि हम लोगों को हमारे पुराने कंपनी के मालिकों ने कई महीनों तक वेतन नहीं दिया।
इसके बाद वह सभी अलग-अलग दूसरी कंपनियों में काम करने लगे।
लेकिन एक दिन अचानक सऊदी की पुलिस ने इन सभी को गिरफ्तार कर लिया।
इन लोगों के वैध वीजा और पासपोर्ट ठेकेदारों और कंपनी मालिकों के कब्जे में होने की वजह से वह दूसरे देश में लाचार है।
जहां उनकी सुनने वाला कोई नहीं।
सऊदी पुलिस अधिकारियों के अनुसार भारतीय दूतावास चाहेगा तब उसकी रिहाई हो पाएगी।
लगाया मोटा जुर्माना
वहीं जेल में कैद भारतीय कामगारों पर सऊदी सरकार ने 10,000 रियाल (लगभग 1.80 लाख रुपए) का जुर्माना लगा दिया है। सरकार ने यह जुर्माना प्रति व्यक्ति पर थोपा है।
यह जुर्माना बिना पासपोर्ट के किसी दूसरी कंपनी में काम करने की एवज में लगाया गया है, जिसमें गिरफ्तारी की सजा भी शामिल है।