संसद का शीतकालीन सत्र संपन्न, विपक्ष करता रहा हंगामा, मोदी सरकार ने पास कराए ये बिल

संसद का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले बुधवार को संपन्न हो गया है। राज्यसभा और लोकसभा में सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित घोषित कर दिया गया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि संसद का सत्र 29 नवंबर 2021 को शुरू हुआ और आज संपन्न हो गया है। 24 दिनों में 18 बैठकें हुईं। इस दौरान लोकसभा की उत्पादकता 82 प्रतिशत और राज्यसभा की 47 प्रतिशत रही है। इसमें राज्यसभा में 9 बिल और लोकसभा में 11 बिल पास हुए।

वहीं इस शीतकालीन सत्र में पूरे समय विपक्षी सांसदों के निलंबन का मुद्दा छाया रहा तो केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हटाने की मांग भी उठी। विपक्षी सांसदों के हंगामे के चलते कई बार सदन को स्थगित किया गया, लेकिन मोदी सरकार कई अहम विधेयक पास कराने में सफल रही है।

संसद के इस शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार कई विधेयकों को पारित कराने में सफल साबित हुई। सत्र की शुरुआत में ही कृषि कानूनों को वापस लेने वाले बिल पर मुहर लगाई गई। वहीं, मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने संबंधी चुनाव सुधार बिल, जजों के वेतन-भत्ते व सेवा शर्तें, लॉ बिल, एनडीपीएस बिल, सीबीआई-प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुखों का कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाने और जननीय प्रजनन उपचार उद्योग विनियमन बिल को संसद से मंजूरी मिली।

इसके अलावा मोदी सरकार विनियोग (संख्यांक 5) विधेयक, नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थ (संशोधन) विधेयक 2021, केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक 2021, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना संशोधन विधेयक 2021, डैम सेफ्टी विधेयक, राष्ट्रीय औषधि शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक, सरोगेसी विनियमन विधेयक, 2021 और जैव विविधता (संशोधन) विधेयक को संसद से पास करने में सफल रही है।

शीतकालीन सत्र के संपन्न होने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, यह जो शीत सत्र शुरू हुआ वह निलंबन के साथ शुरू हुआ। जिस दिन सदन शुरू हुआ उसी दिन हमारे 12 सदस्यों को निलंबित किया गया। ये ऐसे 12 सदस्य हैं जो हमेशा राज्यसभा में सक्रिय रहते हैं। घटना मानसून सत्र में हुई थी और कार्यवाही शीत सत्र में कई गई।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सदन चलाने का हमारा इरादा था, लेकिन जब टेनी साहब का मामला आया तो हमने सरकार से सवाल किया। नैतिकता के आधार पर अजय मिश्रा टेनी को बर्ख़ास्त करना चाहिए था। सरकार ने सदन में बहुमत के बुलडोज़ के सहारे विपक्ष को दबाया और सदन को ठप्प करने का तनाव पैदा किया।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी का कहना है कि हम लोग सदन चलाना चाहते थे। विपक्ष चर्चा ही नहीं करना चाहता है बाद में दिन गिनाते हैं। राहुल गांधी नॉन सीरियस पार्ट टाईम पॉलिटिशियन हैं। शायद कहीं नया साल मनाने जा रहे हों, जाने दीजिए।

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