13 साल बाद मिला सम्मान, तरस गयी थी आंखेंं
लखनऊ। कलाकार हमेशा आशा करते हैं कि वो जो भी काम करते हैं उसके बदले में उन्हें सम्मान मिले और लोग उनकी तारीफ करें। अगर ऐसा नहीं होता है तो उनका कला और मंचन के प्रति रुझान कम होने लगता है। सूबे में करीब तेरह साल बाद कला के क्षेत्र में काम करने वालों को सम्मान दिया गया तो सबके चेहरे खिल गए।
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी सम्मान समारोह- 2016 में अकादमी अवॉर्ड व अकादमी रत्न से सम्मानित किया गया। कलाकारों को यह सम्मान सोमवार को संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे प्रेक्षागृह में दिया गया। समारोह में वर्ष 2003 से लेकर 2008 तक विभिन्न क्षेत्रों से चयनित कलाकारों को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संस्कृति मंत्री अरुणा कोरी ने कलाकारों को मोमेंटो और दस हजार रुपये का चेक देकर सम्मानित किया। इस दौरान संस्कृति सचिव हरिओम, एसएनए अध्यक्ष अच्छे लाल सोनी, सचिव जगदीश आदि उपस्थित रहे।
अकादमी रत्न सम्मान
अकादमी रत्न से दिल्ली की सुलोचना बृहस्पति, सविता देवी, राजन साजन मिश्र, मुंबई के हरि प्रसाद चौरसिया, एन राजन , अनूप जलोटा, गाजियाबाद के दया प्रकाश सिन्हा, वाराणसी के छन्नू लाल मिश्र, लखनऊ के सआदत हुसैन, अनिल रस्तोगी, स्वर्गीय मुद्रा राक्षस, विलायत जाफरी को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विलायत जाफरी की पत्नी कृष्णा जाफरी व स्वर्गीय मुद्रा राक्षस के पुत्र रोमी सिराज अवार्ड लेने पहुंचे।
अकादमी अवॉर्ड
शास्त्रीय गायन- चितरंजन ज्योतिषी, अफजाल हुसैन खां निजामी
सितार- अमरनाथ मिश्र, शिवनाथ मिश्र
कथक- काजल शर्मा, राम मोहन, कृष्ण मोहन मिश्रा, अर्जुन मिश्र, रेनू श्रीवास्तव, पूनम निगम,महाराज, उर्मिला शर्मा, शिखा खरे
तबला- कुमार लाल मिश्र, गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, शोभा कुदेसिया, मदन मोहन उपाध्याय, रवि नाथ मिश्र, अरुण कुमार भट्ट
पखावज- रामजी लाल शर्मा, अवधेश कुमार द्विवेदी, दिनेश प्रसाद
नाट्य निर्देशन- अनिल रंजन भौमिक ध्रुपद गायन- बृज भूषण गोस्वामी, विनोद कुमार द्विवेदी
सारंगी- संतोष कुमार मिश्र
वायलिन- वी बाला जी
लोक गायन- परशुराम यादव, पद्मा गिडवानी, विमल पंत, रीना टंडन, मीनू खरे,
अभिनय- आतमजीत सिंह, स्वर्गीय युगुल किशोर, आशा धस्माना, मृदुला भारद्वाज, अचला बोस, संध्या रास्तोगी, एमएन गुर्जर
लेखन नाट्य- जेपी सिंह
लोक नाट्य नौटंकी- अतुल यदुवंशी, संगीत लेखन- यतींद्र मिश्र
लोक संगीत लेखन- मंगल यादव,
कवि सुगम गायन- गुलशन भारती, इकबाल अहमद सिददीकी, राजकुमार चटर्जी
लोक कला उन्नयन- हरि प्रसाद सिंह, सुगम गायन- सुधीर नारायण
उपशास्त्रीय गायन- मालिनी अवस्थी
नाट्य निर्देशन- अतुल तिवारी, चित्रा मोहन, ललित सिंह पोखरिया
कव्वाली गायन- हैदर बक्श
रंगदीपन- गोपाल सिंन्हा
संगीत संयोजन- एच बसंत, केवल कुमार
लोक नृत्य- विक्रम बिष्ट
कठपुतली- प्रदीप नाथ त्रिपाठी
रंग संगीत- कमलाकांत
शास्त्रीय छायांकन- राकेश सिंन्हा
समारोह में विदुषी सुलोचना बृहस्पति, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया, एन राजन, दया प्रकाश सिंह, पंडित चितरंजन ज्योतिषी, मालिनी अवस्थी, काजल शर्मा, रामजी लाल शर्मा, सविता देवी, पंडित राजन साजन मिश्र, अनूप जलोटा, मुनीश सप्पल अवार्ड लेने नहीं पहुंचे.
तेरह साल बाद बांटे गये अकादमी अवार्ड में अव्यवस्था का बोल बाला रहा. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संस्कृति मंत्री लेट से पहुंची. उसके तुरंत बाद अवार्ड दिए जाने लगे. इस दौरान कई सम्मानित कलाकारों को स्टेज पर बुलाकर रोक दिया गया. साथ ही कई बुजुर्ग कलाकार जो चलने में असमर्थ थे उनको भी स्टेज पर ही बुलाया गया. कई बार फोटो खिंचवाने की होड़ में अधिकारियों और मंत्रियों ने कलाकारों को ही पीछे धकेल दिया.