इस शहीद को भूल गए सीएम अखिलेश… परिवार तीन साल से कर रहा मदद का इंतजार

शहीद हुए जवानमेरठ। सीएम अखिलेश यादव शहीद हुए जवान के परिजनों को 25 लाख रुपए देने की बात कर रहे हैं। वहीं, तीन साल पहले डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की शहादत पर उनके परिजनों को 20 लाख रुपए देने का वादा अभी तक अधूरा है। जेलर बेटे का परिवार आर्थिक सहायता के लिए दर-दर भटक रहा है।

शहीद हुए जवान

ख़बरों के मुताबिक़ तीन साल पहले ईमानदार जेलर बेटे को खोने वाले बीमार पिता दिन-रात बस इसी कश्मकश में जी रहे हैं कि सरकार का दिया आश्वासन आखिर कब पूरा होगा? कब उनकी सुनी जाएगी? मेरठ के नेहरू नगर कालोनी के मकान नंबर 246 में अब पहले जैसी खुशियां नहीं मनती। त्योहार आते, बस रस्म अदायगी होती है। लेकिन बुजुर्ग पिता राजेंद्र त्यागी के दिल को सुकून नहीं मिलता।

तीन साल पहले राजेंद्र त्यागी के इकलौते बेटे डिप्टी जेलर अनिल त्यागी को उनकी ईमानदारी की वजह से कत्ल कर दिया गया। बेटे की जगह बहू को नौकरी मिली। सरकार ने डिप्टी जेलर की मौत को शहीद का दर्जा देते हुए जो 20 लाख रुपए आर्थिक सहायता की घोषणा की थी, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी पैसे अभी तक नहीं मिले हैं। कुछ दिन पहले गंभीर बीमारी के चलते हॉस्पिटल में 15 दिन वेंटीलेटर पर रहे राजेंद्र त्यागी बमुश्किल ही बोल पाते हैं।

भर्राए गले से कहते हैं कि अब आगे का पता नहीं है। एक बेटा था, वो भी ईमानदारी की भेंट चढ़ गया। सरकार से कुछ उम्मीद थी, लेकिन वो भी पूरी नहीं हुई। बेटे के बाद उसके छोटे-छोटे बच्चों की जिम्मेदारी भी उन्हें पूरी करनी है, लेकिन करें तो करें क्या? कहां चक्कर लगाएं, अब शरीर भी जवाब दे गया।

कैबिनेट मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक मुआवजे की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन मदद कहीं से नहीं मिली है। 23 नवंबर 2013 को वाराणसी जिला जेल के डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी।

जांच में सामने आया था कि डिप्टी जेलर अनिल त्यागी ने जेल में बंद बदमाशों पर अंकुश लगाया था, जिसके बाद उनकी हत्या की साजिश रची गई। हत्याकांड में मुन्ना बजरंगी समेत पूर्वांचल के कई कुख्यात बदमाशों का नाम सामने आया था।

प्रदेश सरकार ने डिप्टी जेलर अनिल त्यागी को शहीद का दर्जा देकर परिवार को 20 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी।

इसके बाद मेरठ आए कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने भी परिवार को जल्द आर्थिक सहायता दिलाने की बात कही थी, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। राजेंद्र त्यागी बताते हैं कि बेटे को शहीद हुए तीन साल हो जाएंगे, लेकिन आज तक आश्वासन पूरा नहीं हुआ।

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