लाइट हाउस प्रोजेक्ट अब देश के काम करने के तौर-तरीकों का उत्तम उदाहरण है : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 तक देश के सभी गरीब परिवारों को पक्का आवास मुहैया कराने के सपने को पूरा करने के लिए अहम कदम उठाया है. इस दिशा में पीएम मोदी ने आज नए साल के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लाइट हाउस प्रोजेक्ट का उदघाटन किया. नए साल में यह प्रधानमंत्री मोदी का पहला कार्यक्रम है. पीएम नरेन्द्र मोदी का ये कार्यक्रम शहरी क्षेत्र में रह रहे लोगो के लिए अहम् साबित होगा इस प्रोजेक्ट के तहत केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड और तमिलनाडु में गरीब लोगों को सरकार सस्ते, भूकंप रोधी और मजबूत मकान मुहैया कराएगी.
पीएम मोदी ने कहा कि
देश में ही आधुनिक हाउसिंग तकनीक से जुड़ी रिसर्च और स्टार्टअप्स को प्रमोट करने के लिए आशा इंडिया प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से भारत में ही 21वीं सदी के घरों के निर्माण की नई और सस्ती तकनीक विकसित की जाएगी। विशेषज्ञों को तो इसके विषय में पता है। लेकिन देशवासियों को भी इनके बारे में जानना जरूरी है। क्योंकि आज तो ये तकनीक एक शहर में इस्तेमाल हो रही है , कल को इन्हीं का विस्तार पूरे देश में किया जा सकता है।
ये प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक और इनोवेटिव प्रोसेस से बनेंगे। इसमें कंस्ट्रक्शन का समय कम होगा और गरीबों के लिए ज्यादा affordable और कम्फ़र्टेबल घर तैयार होंगे। ये लाइट हाउस प्रोजेक्ट अब देश के काम करने के तौर-तरीकों का उत्तम उदाहरण है। हमें इसके पीछे बड़े विजन को भी समझना होगा। एक समय आवास योजनाएं केंद्र सरकारों की प्राथमिकता में उतनी नहीं थी, जितनी होनी चाहिए। सरकार घर निर्माण की बारिकियों और क्वालिटी में नहीं जाती थी।
आज नई ऊर्जा के साथ, नए संकल्पों के साथ और नए संकल्पों को सिद्ध करने के लिए तेज गति से आगे बढ़ने का आज शुभारंभ है।
अब देश का फोकस है गरीब और मध्यम वर्ग की जरूरतों पर। अब देश ने प्राथमिकता दी है शहर में रहने वाले लोगों की संवेदनाओं और उनकी भावनाओं को। बैंक की ऊंची ब्याज दर, कर्ज मिलने में होने वाली दिक्कतें भी इसका एक कारण थीं। घरों की कीमतें इतनी ज्यादा हो गईं थी कि अपने घर का भरोसा टूटने लगा था। एक वजह ये थी कि कानून हमारा साथ देगा या नहीं, हाउसिंग सेक्टर की ये स्थिति थी कि लोगों को शंका थी कि गड़बड़ हो जाने की स्थिति में कानून उनका साथ नहीं देगा।शहर में रहने वाले गरीब हों या मध्यम वर्ग, इन सबका सबसे बड़ा सपना होता है, अपना घर। वो घर जिसमें उनकी खुशियां, सुख-दुख, बच्चों की परवरिश जुड़ी होती हैं। लेकिन बीते वर्षों में लोगों का अपने घर को लेकर भरोसा टूटता जा रहा था।
अब देश का फोकस है गरीब और मध्यम वर्ग की जरूरतों पर। अब देश ने प्राथमिकता दी है शहर में रहने वाले लोगों की संवेदनाओं और उनकी भावनाओं को। घरों की कीमतें इतनी ज्यादा हो गईं थी कि अपने घर का भरोसा टूटने लगा था। एक वजह ये थी कि कानून हमारा साथ देगा या नहीं, हाउसिंग सेक्टर की ये स्थिति थी कि लोगों को शंका थी कि गड़बड़ हो जाने की स्थिति में कानून उनका साथ नहीं देगा। बैंक की ऊंची ब्याज दर, कर्ज मिलने में होने वाली दिक्कतें भी इसका एक कारण थीं। अगर हम पीएम आवास योजना के अंतर्गत बनाएं गए लाखों घरों के काम पर नजर डालें तो उसमें innovation और implementation दोनों पर फोकस मिलेगा।
गरीबों को मिलने वाले घर के साथ-साथ दूसरी योजना को भी एक पैकेज की तरह जोड़ा गया है। गरीब को जो घर मिल रहे हैं, उसमें पानी, बिजली, गैस, शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं। सरकार के प्रयासों का बहुत बड़ा लाभ शहरों में रहने वाले मध्यम वर्ग को हो रहा है। मध्यम वर्ग को अपने घर के लिए एक तय राशि के होम लोन पर ब्याज में छूट दी जा रही है। कोरोना संकट के समय भी सरकार ने होम लोन पर ब्याज पर छूट की विशेष योजना शुरु की। लोगों के पास अब RERA जैसे कानून की शक्ति भी है। RERA ने लोगों में ये भरोसा लौटाया है कि जिस प्रोजेक्ट में वो पैसा लगा रहे हैं, वो पूरा होगा, उनका घर अब फसेंगा नहीं।
आज देश में लगभग 60 हजार रियल एस्टेट प्रोजेक्ट RERA के तहत रजिस्टर्ड हैं। इस कानून के तहत हजारों शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है। #Housing4All, इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जो चौतरफा काम किया जा रहा है, वो करोड़ गरीबों और मध्यम वर्ग परिवारों के जीवन में परिवर्तन ला रहा है। ये घर गरीबों के आत्मविश्वास को बढ़ा रहे हैं। ये घर देश के युवाओं का सामर्थ्य को बढ़ा रहे हैं। इन घरों की चाबी से कई द्वार खुल रहे हैं। घर की चाबी हाथ आने से सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन का द्वार खुलता है। इससे एक आत्मविश्वास आता है। ये चाबी उनकी प्रगति का द्वार भी खोल रही है।
पिछले साल कोरोना संकट के दौरान ही एक और बड़ा कदम भी उठाया गया है। ये कदम है Affordable rental housing complex योजना। इस योजना का लक्ष्य हमारे वो श्रमिक साथी हैं, जो एक राज्य से दूसरे राज्य में या गांव से शहर में आते हैं। बीते सालों में जो रिफॉर्म किए गये है उसमें कंस्ट्रक्शन परमिट को लेकर हमारी रैंकिंग 185 से सीधे 27 पर आ गई है। कंस्ट्रक्शन से जुड़ी परमिशन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था का विस्तार 2,000 से ज्यादा शहरों में हो गया है