
नई दिल्ली। सरकार देश को पूरी तरह कैशलेस बनाना चाहती है। इस वजह से ऑनलाइन लेन-देन को बढ़ावा दिया जा रहा है। पर बड़ी बात ये है कि इस ऑनलाइन के खेल में आम जनता की जेब का बोझ बढ़ता जा रहा है। ये बोझ बहुत जल्द रेल सफ़र करने वालों के जेब पर भी पड़ने वाला है। दरअसल, ऑनलाइन रेल टिकट खरीदना फिर महंगा हो सकता है। इंडियन रेलवे ने फाइनैंस मिनिस्ट्री से कहा है कि उसे ऑनलाइन रेल टिकट पर सर्विस चार्ज फिर से लगाने की इजाजत दी जाए। अगर ऐसा हो जाता है तो बहुत जल्द रेल टिकट महंगा हो जाएगा।
सर्विस चार्ज बढाने के लिए रेलवे का तर्क है कि वह पहले से ही डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की छूट दे रहा है इसलिए ऑनलाइन रेल टिकट पर सर्विस चार्ज की छूट को 30 जून से आगे न बढ़ाया जाए। अगर फाइनैंस मिनिस्टरी ने इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया तो फिर से ऑनलाइन टिकट खरीदने पर पैसेंजरों को सर्विस चार्ज देना पड़ सकता है।
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इस बीच, जीएसटी अगर लागू हो जाता है तो एसी क्लास के पैसेंजरों को पहले की बजाय आधा फीसदी ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा। अभी एसी क्लास में सफर करने वालों को 4।5 फीसदी ही टैक्स देना होता है जबकि जीएसटी लागू होने पर यह पांच फीसदी हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि रेल बजट में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने ऑनलाइन रेल टिकट पर सर्विस चार्ज हटाने का ऐलान किया था। हालांकि उस वक्त वित्तमंत्री ने यह साफ नहीं किया था कि यह छूट कुछ अवधि के लिए हटाई जा रही है या फिर पूरे साल भर के लिए।