
नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कहा है कि बिहार में कचरा प्रबंधन की कमी के कारण आपात जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।
इसके साथ ही एनजीटी ने बिहार के मुख्य सचिव को ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 के कार्यान्वयन पर त्रैमासिक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया कि राज्य में कम से कम तीन प्रमुख शहरों और तीन प्रमुख कस्बों और हर जिले में तीन पंचायतों को मॉडल शहरों, कस्बों या गांवों के रूप में अधिसूचित किया जा सकता है।
इन स्थानों पर अगले छह महीनों में संबंधित नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।
शेष शहरों, कस्बों और ग्राम पंचायतों में एक साल के अंदर नियमों को पूरी तरह से लागू किया जा सकता है। पीठ ने मुख्य सचिव से हर तीन महीने में एक त्रैमासिक रिपोर्ट पेश करने को कहा। पीठ ने पहली रिपोर्ट 30 जून तक पेश करने को कहा है।
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अधिकरण ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह निजी तौर पर प्रगति का जायजा लें। पीठ ने यह भी कहा कि संबंधित अधिकारियों को जरूरी प्रशिक्षण दिया जा सकता है।