कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को महंगाई को ले कर एक बार केंद्र सरकार पर निशान साधा। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से आम लोगों को सीधी चोट लगती है। जनता की जेब पर असर पड़ता है। गाड़ी में ईंधन भरवाने से जनता पर बोझ पड़ता है दूसरा, पेट्रोल-डीजल महंगा होने से ट्रांसपोर्ट महंगा होता है जिससे बाकी चीजों के दाम भी बढ़ जाते हैं।

पार्टी मुख्यालय पर आयोजित पीसी में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, ‘आज मैं महंगाई, पेट्रोल, डीजल और गैस को लेकर देश की जनता से बात करना चाहता हूं। जीडीपी का मतलब क्या। जीडीपी का मतलब है गैस, डीजल और पेट्रोल। उन्होंने कहा कि तेल की कीमतें बढ़ने से आम लोगों को सीधी चोट लगती है। जनता की जेब पर असर पड़ता है। ट्रांसपोर्ट बढ़ने से महंगाई बढ़ती है।’
राहुल गांधी ने कहा कि ‘नोटबंदी का फायदा सिर्फ मोदीजी के 4-5 उद्योगपति दोस्तों को हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि ‘बताया ये जाता है कि देश की जीडीपी बढ़ रही है लेकिन असल मायनों में गैस, डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं। इंटरनेशनल मार्केट में तेल के दाम लगातार घट रहे हैं, बावजूद इसके हमारे यहां पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं।’ उन्होंने केंद्र से सवाल करते हुए पूछा कि ‘एनडीए सरकार ने गैस, डीजल और पेट्रोल यानी GDP से 23 लाख करोड़ रुपये कमाए। वो पैसा कहां गया। आपके जेब मे पैसा नहीं जा रहा है।’
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि 2014 के बाद से केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतों से कमाया है। जब 2014 में यूपीए सत्ता से बाहर हुई तो एक एलपीजी सिलेंडर 410 रुपये का था और आज उसकी कीमत 885 रुपये है, इसमें 116 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह 2014 में पेट्रोल का दाम 71.5 रुपये था और आज 101 रुपये हैं यानी कीमतों में 42% की बढ़ोतरी। जबकि 2014 में डीजल का दाम 57 रुपये था, आज 88 रुपये यानी कीमतों में 55% की बढ़ोतरी हो गई है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है, संसद में चर्चा नहीं करने दे रहे जिससे लोगों को बीच गुस्सा और बढ़ रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि किसानों से लेकर मजदूरों, छोटे कारोबारी, सैलरीड क्लास, सरकारी कर्मचारी और ईमानदार उद्योगपतियों की नोटबंदी हो गई। लेकिन मोदीजी के 4-5 दोस्तों के लिए मोनेटाइजेशन हुआ है और लगातार इकोनॉमिक ट्रांसफर हुए हैं।