रक्षा में सौ फीसदी एफडीआई से देश की सुरक्षा को खतरा
शिमला | पूर्व केंद्रीय वाणिज्य मंत्री एवं कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बुधवार को कहा कि रक्षा में सौ फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देने का मतलब अमेरिकी लॉबी के सामने ‘आत्मसमर्पण’ करना है। यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद आया है।
कांग्रेस सांसद ने यहां संवाददाताओं से कहा, “रक्षा क्षेत्र में सौ फीसदी एफडीआई का मतलब भारत के रक्षा क्षेत्र को मुख्यत: अमेरिकी कंपनियों के हाथों सौंपना है। राष्ट्रीय हितों को नजरअंदाज कर दिया गया है।” उन्होंने कहा कि इस फैसले से देश में चल रहे स्वदेशी रक्षा अनुसंधान पर बुरा असर पड़ेगा। शर्मा ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में एफडीआई नियमों में ढील देने से घरेलू उद्योग प्रभावित होंगे।
कांग्रेस सरकार ने केवल ग्रीनफील्ड में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी थी
शर्मा ने बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार ने केवल ग्रीनफील्ड परियोजनाओं में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी थी जहां नया संयंत्र स्थापित किया जाना था। लेकिन, ब्राउनफील्ड परियोजनाओं, जहां वर्तमान फार्मास्यूटिकल उद्योग का अधिग्रहण किया जाता है, में केवल सरकार की अनुमति के बाद ही 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी गई थी। शर्मा ने कहा, “मैं यह समझने में असफल हूं कि पिछली सरकार द्वारा लगाई गई पूर्व शर्तो को बदल क्यों दिया गया, जो देश के हित में बेहद जरूरी थीं। यह स्पष्ट रूप से अमेरिकी लॉबी के दबाव में लिया गया फैसला है, जिससे इन पूर्व शर्तो को बदल दिया गया है।”
उन्होंने सरकार से पूछा कि ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड दोनों परियोजनाओं में ही क्यों 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी गई। शर्मा ने इसके अलावा मोदी सरकार के दो साल के शासन में राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा, “वे ऐसे दिखा रहे हैं कि भारत का विकास केवल दो साल पहले ही शुरू हुआ है।” शर्मा ने यह भी कहा कि देश की हालत खराब है और निर्यात में एकाएक काफी कमी आ गई है। शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार ने हर साल दो करोड़ रोजगार पैदा करने का दावा किया था, लेकिन वास्तविकता में एक भी नई नौकरी पैदा नहीं हुई है और लोग अपनी नौकरी मोदी सरकार की नीतियों के कारण खो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था नीचे जा रही है। यहां कोई निवेश नहीं आया है, कोई रोजगार पैदा नहीं हुआ है, उत्पादन क्षेत्र में लोगों की नौकरियां जा रहीं हैं, लेकिन भाजपा शासित एनडीए सरकार दावा कर रही है कि दो साल के मोदी के शासन में देश नई ऊंचाईयों पर पहुंचा है। शर्मा ने कहा, “यह हास्यास्पद है। प्रधानमंत्री ने दो सालों में 36 देशों का दौरा किया। लेकिन, उनके अंतर्राष्ट्रीय दौरों से देश को क्या लाभ हुआ यह स्पष्ट नहीं है।”