
लखनऊ। 14 फरवरी का दिन दो दिलों के प्यार की कहानी को मकाम तक पहुंचाने के लिए ख़ास माना जाता है। इस दिन प्रेमी युगल अपने प्यार का इजहार बिना किसी झिझक के एक दूसरे से करते हैं। लेकिन इस दिन हम आपको एक ऐसे प्रेमी युगल की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आज यूपी के सीएम हैं। उनकी प्रेमिका आज न सिर्फ उनकी हमराही बन चुकी हैं बल्कि सांसद के तौर पर हर कदम पर उनकी ढाल बन कर उनका साथ दे रही हैं। हम बात कर रहे हैं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और सांसद डिम्पल यादव की। बता दें कि उनका यह सफ़र इतना आसान नहीं था। उन्हें भी इस रिश्ते को बनाने के लिए तरह-तरह के पापड़ बेलने पड़े थे।
यूपी के सीएम
24 नवंबर को अखिलेश ने 1999 में डिम्पल से लव-मैरिज की थी। हालांकि शादी के 17 साल बाद आज यादव परिवार में हर कोई बहू के रूप में डिम्पल पर गर्व करता है।
जानकारी के मुताबिक अखिलेश जब पहली बार डिम्पल से मिले तब वह 17 साल की थी और अखिलेश 21 साल के। अखिलेश उस वक्त इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे और डिम्पल स्कूल में थी। एक कॉमन फ्रेंड के यहां अखिलेश और डिम्पल की पहली मुलाकात में ही दोस्ती हो गई थी।
ये दोस्ती कुछ ही दिनों में प्यार में बदल गई। अखिलेश पर लिखी गई एक किताब के मुताबिक अखिलेश यादव डिम्पल से मिलने का बहाना ढूंढ़ते रहते थे और उसी दोस्त के यहां डिम्पल से मिलने जाते थे।
पढ़ाई के लिए आस्ट्रेलिया जाने के बाद भी अखिलेश डिम्पल के संपर्क में बने रहे और वहां से उन्हें कार्ड और लव-लेटर भेजते रहते थे।
पढ़ाई कर अखिलेश जब अखिलेश वापस लौटे तो पिता मुलायम ने उनसे शादी के बारे में पूछा। संकोच और मर्यादा के चलते अखिलेश पिता को अपने मन की बात बता नहीं सके।
बताया जाता है कि उन्होंने अपने मन की बात अपनी दादी मूर्ति देवी को बताई। दादी की तरफ से हरी झंडी मिल जाने के बाद अखिलेश ने बाकी सबको भी मनाया और दादी ने ये बात पिता मुलायम तक पहुंचा दी।
वहीं डिम्पल उत्तराखंड के लेफ्टिनेंट कर्नल एसपी रावत की बेटी हैं। उनका परिवार भी इस शादी के लिए तैयार नहीं था। आखिरकार अखिलेश और डिंपल के प्यार को दोनों परिवारों ने समझा फिर उनकी शादी हुई।
अखिलेश आज अर्जुन, टीना और अदिति तीन बच्चों के पिता हैं। राजनीतिक व्यस्तताओं के बाद भी वह परिवार और बच्चों को पूरा वक्त देते हैं।