यूपी के बलिया में पुलिस की मॉक ड्रिल, सभी हथियारों में निकली खराबी

रिपोर्ट- मनोज चतुर्वेदी/बलिया

यूपी के बलिया में  पुलिस द्वारा किये गए दंगा नियंत्रण मॉक ड्रिल में नही चले एक भी आंसू गैस के गोले । पुलिसकर्मी का कहना है कि बारिस की वजह से नमी आ गई है जिससे गोले फायर नही हो रहे है। वही पुलिस अधीक्षक का कहना है कि वो डमी गोलियां होती है। वही ये भी कहा कि लोगो को अभ्यास किये हुए ज्यादा समय हो जाता है तो परेशानियां होती है. इसीलिए तो अभ्यास कराया जा रहा है।बलिया में मोक ड्रिल

इन तस्वीरों को देखिए जहाँ एक पुलिस का जवान अपनी बंदूक से लगातार फायर किए जा रहा है और उसके बंदूक से निकलने वाला गोला फायर नही हो पा रहा है बल्कि मिस हो जा रहा है । दरअसल ये कार्यक्रम चल रहा है कि अचानक प्रदेश में कही दंगा हो जाए और दंगाई उपद्रव पर उतर जाए तो उन्हें कैसे प्रशासन कंट्रोल कर अपना नियंत्रण कायम कर सकेगा।

लेकिन जब कार्यक्रम का डिस्प्ले शुरू हुआ तो आप खुद ही देख लीजिए। ये पुलिस के जवान आँसू गैस के गोले दाग रहे है और वो गोले लगातार मिस हो रहे है जिनके दागने के बाद अच्छे अच्छे उपद्रवी भी टिक नही पाते भागना उनकी मज़बूरी बन जाती है । फायर करने वाले पुलिस के जवान  ने  कारण स्पष्ट बता दिया कि अत्यधिक बारिस की वजह से गोलों में नमी आ गई है जिससे फायर नही हो पाया।

वही एसपी ने कहा कि  दीपावली त्यौहार और कई सारी चीजें हैं जिसके कारण दंगा नियंत्रण प्रणव प्रशिक्षण के बारे में आज यह कार्यक्रम किया गया था जिसमें समस्त थानों के पुलिस बल को दंगा नियंत्रण प्रणव का रिहर्सल भी कराया गया। गोलियां ऐसे मिस नहीं हुई हैं वह गोलियां डमी गोलियां थी उनकी गोलियों को पहले लोगों को बताया जाता है कि कैसे होगा इसका क्या कार्यक्रम है.

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उसके हिसाब से कार्य होता है इसलिए तो प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था कि सभी लोगों को सही तरीके से समझा दिया जाए कि किस चीज का उपयोग कैसे होगा। जब मीडिया ने एसपी से सवाल किया कि क्या माना जाए कि लोगों की ट्रेनिंग ठीक से नहीं हुई है.

जिसके वजह से बार-बार फायर फेल हो हो रहा है तो सूर्य एसपी साहब का जवाब एसपी साहब ने कहा नहीं पुलिस के जवानों की ट्रेनिंग ठीक से हुई है इनको कभी-कभी ज्यादा समय हो जाता है तो अभ्यास कम हो जाते हैं उन्हें परेशानियां थोड़ी सी होती है। लेकिन सवाल ये है कि  जब ट्रायल में ही पुलिस के महत्वपूर्ण असलहे फेल हो जाएंगे तो किस तरह पुलिस कानून व्यवस्था अचानक बिगड़ने पर निपट पाएगी ?

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