

वर्तमान टैक्स दर
2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत,
5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत
10 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स दर है
विश्व स्तर पर आर्थिक नरमी और मौसम विभाग के देश के कुछ भागों में बारिश सामान्य से कम रहने की आशंकाओं के बीच यह बजट आ रहा है। पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 तक गिर गई। चालू वित्त वर्ष के दौरान इसे फिर से सात प्रतिशत से ऊपर पहुंचाने का दारोमदार बजट पर होगा।
आर्थिक विकास के लिए ढीले किए जा सकते हैं नियम
आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये वित्त मंत्री निवेश आकर्षित करने के इरादे से नियमों को उदार बनाने के प्रस्ताव कर सकती हैं। सरकार के समक्ष एक तरफ राजकोषीय स्थिति को मजबूत बनाने की जरूरत होगी तो दूसरी तरफ चुनावों में जनता से किये गये वादों को पूरा करने की दिशा में पहल करनी होगी।