कुनबे समेत बाहुबली मुख्तार बसपा में शामिल, जूते उतार कर मायावती के दरबार में झुकाया सर

मुख्तार अंसारी बसपा मेंलखनऊ। यूपी चुनाव से पहले बाहुबली मुख्तार अंसारी बसपा में पूरे कुनबे के साथ शामिल हो गए हैं। इससे पहले यह समाजवादी पार्टी में जगह बनाने की फिराक में थे। समाजवादी पार्टी में मची कलह का दारोमदार भी इन्ही के सिर जाता है। बसपा ने मुख्तार समेत उनके परिवार के तीन सदस्यों को टिकट दिया है। हालांकि मयावती अभी तक अपराध नियंत्रण को अपना हथियार बनाती चली आई हैं। उनके इस कदम से विपक्षियों को उन पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। फिर भी विपक्ष उन पर हमला बोले उससे पहले उन्होंने अपने बचाव में यह कहकर आलोचनाओं से पला झाड़ने की कोशिश की है कि यदि कोई बसपा की छांव टेल सुधारना चाहता है तो उन्हें मौका दिया जाएगा।

मुख्तार अंसारी बसपा में शामिल

मायावती ने मुख्‍तार को उनकी मनपसंद सीट मऊ सदर तो भाई सिबकतुल्‍लाह अंसारी को मोहम्‍मदाबाद से टिकट दिया है। वहीं मुख्‍तार के बेटे अब्‍बास को घोसी से बसपा का टिकट दिया गया है।

मायावती ने अंसारी परिवार के बसपा में शामिल होने का ऐलान करते हुए कहा कि ‘इन पर लगे आरोप अभी तक साबित नहीं कर पाए, इस बात को ध्‍यान में रखकर आज पार्टी में वापस लिया।’

उन्‍होंने कहा कि ‘बसपा में कोई आपराधिक तत्‍व नहीं रहे हैं, लेकिन अगर कुछ लोग बसपा की छांव में सुधरना चाहते हैं, हम उन्‍हें एक मौका देते हैं।”

उन्होंने कहा कि अंसारी बंधु ने भी बसपा छोड़ी थी लेकिन अब उन्होंने पश्‍चाताप कर लिया है। इसलिए मुख्तार अंसारी को बसपा में शामिल किया जा रहा है।

मुख्तार ने पहले भी बसपा के बैनर तले चुनाव लड़ा है। लेकिन इस बीच कुछ अजीब दिखा। शपथ दिलाते हुए अंसारी बंधु ने पैर में जूते नहीं पहने थे।

ऐसा दृश्य आपको किसी अन्य पार्टी के विलय या किसी नेता के नई पार्टी में विलय के दौरान देखने को नहीं मिला।

ऐसे में यदि मायावती के ब्यान पर गौर फरमाया जाए तो उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी को अपनी गलती का अहसास है। यानी मायावती के दरबार में जूता उतार कर जाना भी किसी गलती का अहसास कराने से कम नहीं है।

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