महाराष्ट्र में सियासी भूकंप ‘एकनाथ खड़से ने दिया इस्तीफा’,बीजेपी को दिया तगडा झटका एनसीपी में होंगे शामिल

महाराष्ट्र की राजनीती में  एक बार फिर नया रोमांच देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से ने इस्तीफा  दे दिया है। खड़से ने अपना इस्तीफा महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकान्त पाटिल को  सौंपा जिसे चंद्रकांत पाटिल ने मंजूर भी कर लिया है। माना जा रहा है कि खड़से 2016 में भष्टाचार के आरोप लगने के बाद, तत्कालीन भाजपा सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से ही नाराज चल रहे थे।

खड़से ने अपने इस्तीफे में तो पार्टी छोड़ने का कारण निजी बताया है। वहीँ महाराष्ट्र सरकार में राज्य मंत्री जयंत पाटिल ने उनके इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि हमने फैसला किया है कि एकनाथ खड़से को एनसीपी से जोड़ने का मौका देना चाहिए। शुक्रवार 23 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे एकनाथ खड़से आधिकारिक तौर पर पार्टी में शामिल हो जायेंगे। पिछले कुछ दिनों से ही खड़से के भाजपा छोड़ने और शरद पवार के पार्टी  एनसीपी में शामिल होने की ख़बरें चर्चा में थी।

खड़से ने मीडिया से बातचीत में बताया- “मेरी इच्छा नहीं थी पार्टी छोड़ने की,लेकिन एक व्यक्ति की वजह से छोड़ना पड़ रहा है। इसकी शिकायत मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से की, लेकिन वहां भी सुनवाई नहीं हुई,इसलिए मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया। पिछले 4 साल में पार्टी में बदनामी सहनी पड़ी। मैं भाजपा से नाराज नहीं हूँ,एक व्यक्ति पर हूँ। मुझ पर आरोप लगा,जांच हुई और कुछ महि मिला।बाकी नेताओं पर आरोप लगा,उनको क्लीन चीट दी जाती है,लेकिन मुझे नहीं दी गयी। मेरी नाराजगी देवेंद्र फडणवीस से है। मेरे पीछे जनता है और मैंने अपना इस्तीफा दिया और एनसीपी में शामिल हो जाऊंगा। 40 साल मैंने पार्टी को दिए हैं। जब मुझ पर आरोप लगा,उस वक़्त मैंने खुद सीएम से कहा था कि मुझ पर आरोप लगा रहे हो।इसके बाद मैंने जांच करवाई, लेकिन कुछ नहीं निकला। “

आपको बता देवें कि साल 2016 में खड़से फडणवीस सरकार में राजस्व मंत्री थे और उस वक़्त उन पर भष्टाचार के आरोप लगे थे। खड़से को इस्तीफा देने को कहा गया जिसके बाद उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। मंत्री पद जाने और विधानसभा चुनाव में टिकट ना मिलने से खड़से नाराज चल रहे थे।

वहीँ एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को एकनाथ खड़से की तारीफ की थी। शरद पवार ने कहा था कि “खड़से हाल ही में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं और उन्होंने राज्य में भाजपा को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है। अगर किसी के योगदान और कड़ी मेहनत पर ध्यान नहीं दिया जायेगा, तो वह परेशान होगा ही। खड़से को ऐसी पार्टी में शामिल होने के बारे में सोचना चाहिए, जो उनके काम की सराहना करे।

LIVE TV