भेड़ बकरियों की तरह जूनियर की तीन कक्षाएं एक ही छोटे से कक्ष में…

रिपोर्ट- अवतार सिंह पंवार

जूनियर की तीनों कक्षाएं एक ही छोटे से कक्ष में भेड़ बकरियों की तरह

उत्तराखंड : राजकीय जूनियर हाई स्कूल दुर्मी जो कि दशोली विकास खण्ड का दूरस्थ स्कूल है| यहां की स्कूलों की स्थिति भी शोचनीय और दयनीय है बशर्ते जूनियर से उच्चीकरण होकर हाइस्कूल तो अवश्य हो गया परन्तु विद्यालय भवन का निर्माण आज तक नही हुआ है|

तीन कक्षाएं एक कक्ष में

जिसके चलते जूनियर की तीनों कक्षाएं एक ही छोटे से कक्ष में भेड़ बकरियों की तरह ठुसे जाते है इतना ही नही विद्यालय के छत पर पानी का तालाब भरा है जिसे कक्षो में निरंतर पानी रिस रहा है और बच्चे ऐसे ही नम फर्श पर जमीन पर बैठने को विबश है।

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जहाँ सरकार शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है वही ये दावे ओर शिक्षा के प्रति सरकार का रवाया खोखला साबित होता नजर आ रहा है|

भेड़ बकरियों की तरह जूनियर की तीन कक्षाएं एक ही छोटे से कक्ष में...

आपको बता दे कि जून के महीने में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने भी यह कहा था कि अब बच्चे जमीन पर नही बैठेंगे लेकिन अपने गांव के स्कूलों के बच्चे तो फट्टी पुराने टाट पर बैठ रहे है।

इन दूरस्थ क्षेत्रो के स्कूलों में अध्यापक 12-15 सालो से एक ही स्कूल में रखे गए है इसी दर्द को बयां करते हुए सहायक अध्यापक चंद्रशेखर कुमेडी ने कहा कि दुर्मि की स्कूल का उच्चीकरण तो बेशक हुआ है पर भवन नही बना अभी तक 2015 से और नही यहाँ पर स्टाफ पूरा उपलब्ध है| जिससे कि बच्चों के पठन पाठन पर बुरा असर पड़ रहा है|

आगे उन्होंने कहा कि वे यहाँ पर निरन्तर 14-15 सालो से पढ़ा रहे है और शिक्षा विभाग में तो जैसे उनके लिए सुगम है ही नही। यहाँ पर विधुत का लम्बे समय तक गुल रहना मोबाइल नेटवर्क के मुश्किल से दर्शन और आवाजाही ही चौमास में बड़ी कठिनाई रहती है|

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हाइस्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक भरत सिंह रावत ने भी विद्यालय की जीर्ण स्थिति पर खेद जताया और कहा कि आजतक भी भवन निर्माण नही हो पाया है। श्रमिक मन्त्र के लिए चमोली से अवतार सिंह पंवार की रिपोर्ट।

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