
साल 1992 में हुए बाबरी विध्वंस के बाद से भारत में हिंदू-मुस्लिम कट्टरता बढ़ गई है। जहां आज रहीम का नाम लेने पर हिंदू भड़क उठता है तो वहीं राम का नाम लेने पर मुस्लिम। लेकिन इन सबके बीच दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहां मुस्लिम भगवान राम की पूजा करते हैं और रामायण का पाठ भी। इस देश में भगवान राम को मुसलमान अपना नायक मानते हैं और रामायण को अपने दिल का सबसे करीबी ग्रंथ।
भगवान राम की पूजा
आपको बता दें कि यह एक ऐसा देश है जहां दुनिया के सबसे ज्यादा मुस्लिम रहते हैं। इस देश की सारी संस्कृति ही रामायण की पारंपरिक और सांस्कृतिक आस्था से संबंध रखती है। विश्व के मानचित्र पर यह देश दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित है। इसकी आबादी तकरीबन 23 करोड़ है। इसका नाम इंडोनेशिया है। यह दुनिया का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। इसकी राजधानी जकार्ता है।
भारतीयों की तरह ही इंडोनेशिया में रामायण बेहद लोकप्रिय है। हाल ही में इंडोनेशिया सरकार ने भारत के कई जगहों पर इंडोनेशिया की रामायण पर आधारित रामलीला का मंचन करवाने की मांग की है। यही नहीं अनीस ने भारत में मोदी सरकार से हर साल रामायण पर्व के आयोजन की भी मांग की। बता दें कि इंडोनेशिया भी चाहता है कि भारतीय कलाकार वहां जाकर इंडोनेशिया के कई शहरों में रामायण का मंचन किया जाए।
भारत की तरह ही इंडोनेशिया में रामायण सर्वाधिक लोकप्रिय काव्य ग्रंथ है। लेकिन भारत और इंडोनेशिया की रामायण में अंतर है। भारत में राम की नगरी जहां अयोध्या है, वहीं इंडोनेशिया में यह योग्या के नाम से स्थित है। यहां राम कथा को ककनिन, या ‘काकावीन रामायण’ नाम से जाना जाता है। भारतीय प्राचीन सांस्कृतिक रामायण के रचियता आदिकवि ऋषि वाल्मिकी हैं, तो वहीं इंडोनेशिया में इसके रचयिता कवि योगेश्वर हैं।
इंडोनेशिया की रामायण 26 अध्यायों का एक विशाल ग्रंथ है। इस रामायण में प्राचीन लोकप्रिय चरित्र दशरथ को विश्वरंजन कहा गया है, जबकि उसमें उन्हें एक शैव भी माना गया है, यानी की वे शिव के अराधक हैं। इंडोनेशिया की रामायण का आरंभ भगवान राम के जन्म से होता है, जबकि विश्वामित्र के साथ राम और लक्ष्मण के प्रस्थान में समस्त ॠषिगणों की ओर से मंगलाचरण किया जाता है और दशरथ के घर इस ज्येष्ठ पुत्र के जन्म के साथ ही हिंदेशिया का वाद्य यंत्र गामलान बजने लगता है। वहीं यहां नौ सेना के अध्यक्ष को लक्ष्मण कहा जाता है। जबकि सीता को सिंता और हनुमान तो इंडोनेशिया के सर्वाधिक लोकप्रिय पात्र हैं।
हनुमान जी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज भी हर साल इस मुस्लिम आबादी वाले देश के आजादी के जश्न के दिन यानी की 27 दिसंबर को बड़ी तादाद में राजधानी जकार्ता की सड़कों पर युवा हनुमान जी का वेश धारण कर सरकारी परेड में शामिल होते हैं। बता दें कि हनुमान को इंडोनेशिया में ‘अनोमान’ कहा जाता है।