बिहार में बाढ़ से हालात बदतर, 32 लाख लोग प्रभावित
पटना| बिहार में बाढ़ का कहर जारी है, लेकिन शनिवार को गंगा और सोन नदी के जलस्तर में कमी आने से बाढ़ प्रभावित लोगों ने राहत की सांस ली है। गंगा नदी के जलस्तर में लगातर कमी दर्ज की जा रही है, लेकिन अब भी वह कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
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बिहार के 12 जिलों के 2018 गांवों के 32.51 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ से अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है।
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, शनिवार को गंगा और सोन सहित सभी नदियों के जलस्तर में कमी आई है। पटना के गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर सुबह 10 बजे 49.93 मीटर तक दर्ज किया गया। यहां का जलस्तर शुक्रवार को 50.01 मीटर था।
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पटना, वैशाली, भोजपुर और सारण जिला के दियारा क्षेत्र (नदी किनारे मैदानी इलाके) बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में लाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अब तक करीब 4़ 16 लाख लोगों को बाढ़ग्रस्त स्थानों से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है, जिनमें से करीब दो लाख लोगों को 518 राहत शिविरों में रखा गया है।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता विवेक कुमार ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि इंद्रपुरी बैराज में सोन नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। सुबह 10 बजे इंद्रपुरी बैराज के पास सोन नदी का जलस्तर 1,64,311 क्यूसेक दर्ज किया गया।
गंगा नदी बक्सर, दीघा, गांधीघाट, हाथीदह, भागलपुर और कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि बूढ़ी गंडक नदी खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में गंगा नदी के उफान पर होने के कारण बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।
आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव अनिरूद्ध कुमार ने बताया कि राहत शिविरों में लोगों को आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं। पशुओं के लिए भी 108 शिविर चलाए जा रहे हैं।